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Raipur. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देशभर में साइबर अपराधों और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान शुरू किया है। इसके तहत 28 से अधिक शहरों के कार्यालय कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन इनमें रायपुर जोनल कार्यालय सबसे आगे निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में है। रायपुर न केवल मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा कर रहा है, बल्कि भारी-भरकम संपत्तियां भी अटैच कर चुका है।
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28,000 करोड़ रुपए से अधिक की आय का पता
श्रीनगर में हुई दो दिवसीय समन्वय बैठक में ईडी प्रमुख राहुल नवीन की अगुवाई में साइबर अपराध के फैलाव और इसके कमजोर वर्गों पर प्रभाव की समीक्षा की गई। रिपोर्ट में सामने आया कि कई ठगी और पोंजी योजनाओं के मास्टरमाइंड विदेशों से ऑपरेट कर रहे हैं और हवाला व क्रिप्टो चैनलों के जरिये अरबों रुपए बाहर भेज रहे हैं।
ईडी ने अब तक 28,000 करोड़ रुपए से अधिक की अपराध की आय (PoC) की पहचान की है। वहीं, 8,500 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियां अटैच की जा चुकी हैं। अब तक 106 आरोपियों और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।
रायपुर सबसे आगे, मुंबई-दिल्ली-हैदराबाद पीछे
देश के सबसे बड़े साइबर अपराध की जांच प्रवर्तन निदेशालय का रायपुर जोनल कार्यालय कर रहा है, जिसमें 8,000 करोड़ रुपए के अपराध की आय (PoC) का खुलासा हुआ है। इसके मुकाबले मुंबई कार्यालय 6,000 करोड़ रुपए, दिल्ली की दो हाई-इंटेंसिटी यूनिट्स 5,300 करोड़ रुपए और हैदराबाद कार्यालय 2,600 करोड़ रुपए के मामलों की जांच कर रहे हैं। इस तरह रायपुर कार्यालय ने देशभर में साइबर अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच में अग्रणी भूमिका निभाते हुए सबसे बड़े घोटाले को उजागर किया है।
महादेव ऑनलाइन बेटिंग एप घोटाला
रायपुर कार्यालय द्वारा जांचा जा रहा सबसे बड़ा मामला है महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप। इसमें ईडी ने 8,000 करोड़ रुपए से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग का पता लगाया है। इस दौरान 160 से ज्यादा छापों में 19 करोड़ रुपए नकद, 17 करोड़ रुपए के कीमती सामान और बैंक/डीमैट खातों में रखे 2,311 करोड़ रुपए को फ्रीज किया गया है। इस मामले में अब तक 13 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और मास्टरमाइंड्स को यूएई से प्रत्यर्पित कराने की प्रक्रिया चल रही है।
ED का साइबर ऑपरेशन: ऐसे समझें मामला
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ऑनलाइन पेमेंट गेटवे की जांच
ईडी ने पाया कि कई ऑनलाइन पेमेंट गेटवे कंपनियां भी इस अवैध नेटवर्क से जुड़ी रही हैं। इन्हें हवाला और क्रिप्टो चैनलों से जोड़ा गया है। इनकी भूमिका की गहन जांच जारी है। यह स्पष्ट है कि रायपुर अब राष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का हब बन चुका है, और आने वाले समय में यहां से और बड़े खुलासे होने की संभावना है।