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Raipur. छत्तीसगढ़ समेत देश के 10 राज्यों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। मेडिकल कॉलेज स्कैम मामले में यह कार्रवाई की गई है, जिसकी जड़ें नवा रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (SRIMSR) तक फैली हैं। दिल्ली से आई ED की टीम रायपुर के श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेजमें तलाशी ले रही है।
CBI की FIR से जुड़ी है ED की कार्रवाई
ED की यह छापेमारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा 30 जून को दर्ज की गई एक FIR से जुड़ी है। इस मामले में CBI पहले ही तीन डॉक्टरों समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। FIR में आरोप लगाया गया था कि नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के कुछ अधिकारियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों ने रिश्वत लेकर प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को इंस्पेक्शन (निरीक्षण) से जुड़ी गोपनीय जानकारी लीक की। इस जानकारी का उपयोग करके मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधकों और बिचौलियों ने जरूरी पैरामीटर्स में हेरफेर किया और अकादमिक कोर्स की मंजूरी हासिल कर ली।
ED की तलाशी में छत्तीसगढ़ के साथ ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में स्थित 7 मेडिकल कॉलेज और FIR में नामजद व्यक्तियों के ठिकाने शामिल हैं।
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छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा लिंक: रावतपुरा मेडिकल कॉलेज
इस पूरे मामले में नवा रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (SRIMSR) का नाम प्रमुख रूप से आया है। CBI की जांच के दौरान खुलासा हुआ था कि कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए NMC की निरीक्षण टीम ने हवाला के जरिए 55 लाख रुपये की रिश्वत ली। गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं—
- डॉ. मंजप्पा सीएन
- डॉ. चैत्रा एमएस
- डॉ. अशोक शेलके
- अतुल कुमार तिवारी (SRIMSR डायरेक्टर, नवा रायपुर)
- सथीशा ए
- रविचंद्र के.
CBI का कहना है कि निरीक्षण टीम ने डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी के साथ मिलकर पूरा षड्यंत्र रचा था।
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कैसे हुआ रिश्वत का लेनदेन?
CBI जांच में सामने आया कि डॉ. मंजप्पा सीएन ने अपने सहयोगी सथीश ए. को हवाला ऑपरेटर से 55 लाख रुपए इकट्ठा करने का निर्देश दिया था। डॉ. मंजप्पा ने सथीश ए. को यह भी बताया कि हवाला ऑपरेटर राशि एकत्र करने के संबंध में उन्हें कॉल करेगा। निरीक्षण दल की एक अन्य सदस्य डॉ. चैत्रा एमएस को उनका हिस्सा सथीश ए. द्वारा उनके निवास पर पहुंचाने की बात तय हुई थी।
CBI ने बेंगलुरु में बिछाया था जाल
CBI ने केस दर्ज करने के बाद बेंगलुरु में जाल बिछाया और 55 लाख रुपए की रिश्वत की रकम बरामद की। 16.62 लाख रुपए: डॉ. चैत्रा के पति रविंद्रन से। 38.38 लाख रुपए: डॉ. मंजप्पा के सहयोगी सतीश ए. से।
CBI ने इस मामले में 5 महीने पहले भी कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश में 40 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए थे। अब ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से इस मामले की जांच शुरू कर दी है, जिससे आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
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