/sootr/media/media_files/2025/09/17/karnataka-government-suspends-three-doctors-rawatpura-scam-case-2025-09-17-19-40-07.jpg)
Rawatpura college scam: कर्नाटक सरकार ने रावतपुरा सरकारी चिकित्सा विज्ञान और अनुसंधान संस्थान को मान्यता दिलवाने के मामले में फंसे तीन डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है। मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने मंगलवार को यह कदम उठाया। इन डॉक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने रायपुर के इस संस्थान के लिए मान्यता प्राप्त करने के लिए रिश्वत ली थी। इस मामले में पहले भी CBI ने तीनों डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था, और अब तक 34 लोग इस घोटाले में शामिल पाए गए हैं।
निलंबित डॉक्टरों की पहचान:
- डॉ. चैत्रा एम.एस. - एसोसिएट प्रोफेसर (अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु)
- डॉ. मंजप्पा सी.एन. - प्रोफेसर और प्रमुख (ऑर्थोपेडिक्स विभाग, मंड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज)
- डॉ. अशोक शेलके - असिस्टेंट प्रोफेसर (कम्युनिटी मेडिसिन विभाग, बीदार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज)
क्या था घोटाले का पूरा मामला?
1 जुलाई 2025 को CBI ने तीनों डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप है कि इन्होंने कुल 55 लाख रूपए की रिश्वत ली थी। बदले में, इन डॉक्टरों ने रायपुर स्थित रावतपुरा सरकारी चिकित्सा विज्ञान और अनुसंधान संस्थान के लिए पॉजिटिव इंस्पेक्शन रिपोर्ट जारी की। यह रिश्वत मीडिएटर्स के माध्यम से दी गई थी, और इन मीडिएटर्स ने सभी प्रक्रिया को पूरी तरह से मैनेज किया।
घोटाले के तरीके:
जांच में यह सामने आया कि इंस्पेक्शन प्रोग्राम और मूल्यांकनकर्ताओं की पहचान पहले ही लीक कर दी गई थी। इस जानकारी का फायदा उठाकर रावतपुरा संस्थान ने पहले से सभी रिकॉर्ड और दस्तावेज तैयार कर लिए थे ताकि वे मानकों के अनुरूप दिख सकें। इस तरीके से मेडिकल कॉलेज को सीट मंजूरी मिल गई और संस्था को मान्यता मिल गई, जिससे यह घोटाला सफल हुआ।
इस घोटाले में कितने लोग शामिल हैं?
इस मामले में अब तक 34 लोग एफआईआर में नामजद किए गए हैं, जिनमें मंत्रालय, नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) और अन्य कई अधिकारी शामिल हैं। गिरफ्तार होने वाले पहले आरोपी ये तीन डॉक्टर ही हैं, जिनका कर्नाटक सरकार ने निलंबन किया है।
रावतपुरा मेडिकल कॉलेज घोटाला क्या है?रिश्वत ली गई: तीन डॉक्टरों ने रावतपुरा मेडिकल कॉलेज के लिए 55 लाख रुपये की रिश्वत ली। सीबीआई गिरफ्तार: 1 जुलाई 2025 को CBI ने तीनों डॉक्टरों को गिरफ्तार किया। फर्जी दस्तावेज़: कॉलेज ने इंस्पेक्शन की जानकारी लीक कर, डॉक्यूमेंट्स पहले से तैयार किए। 34 आरोपी: इस मामले में कुल 34 लोग आरोपी हैं, जिसमें मंत्रालय और NMC अधिकारी भी शामिल हैं। निलंबन और कार्रवाई: कर्नाटक सरकार ने तीनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया, सीबीआई जांच जारी है। |
कार्रवाई:
कर्नाटक सरकार और सीबीआई ने इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए और अधिक जांच शुरू की है। अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस घोटाले को लेकर मेडिकल और शैक्षिक संस्थाओं में हड़कंप मच गया है और देशभर में मेडिकल कॉलेजों के मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग बढ़ रही है।