छत्तीसगढ़ में टाइगर अटैक : कान्हा टाइगर रिजर्व से सटे इलाके में बाघ ने बुजुर्ग चरवाहे को बनाया शिकार

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक बाघ ने गाय चराने गए बुजुर्ग चरवाहे को मार डाला। उनका क्षत-विक्षत शव कान्हा टाइगर रिजर्व के पास जंगल में मिला। इस दर्दनाक घटना से पूरे इलाके में दहशत है।

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Sanjay Dhiman
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tiger atteck in Cg

Photograph: (the sootr)

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Kawardha.छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिले के सिंघनपुरी गांव के एक बुजुर्ग चरवाहे को जंगल में बाघ ने अपना शिकार बना लिया। 65 साल का गुनीराम यादव इस घटना में बाघ का शिकार हुआ। घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। 

रोज की तरह बुज़ुर्ग गुनीराम अपनी गायों को लेकर चराने निकला था। वह गांव से लगे एमपी के कान्हा नेशनल पार्क के कोर एरिया में चला गया। इस क्षेत्र को सूपखार का जंगल कहते हैं। यहां बीते कुछ दिनों से लगातार बाघ की मूवमेंट देखी जा रही थी।

देर रात तक जब वे घर नहीं लौटे, तो परिवारवालों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट चिल्फी थाने में दर्ज कराई। अगले दिन सुबह, वन विभाग की टीम, पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर खोजबीन शुरू की। 

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बाघ ने नोंच लिया था आधा हिस्सा

खोजबीन के दौरान, मध्यप्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व के सूपखार जंगल में गुनीराम यादव का शव मिला। शव की हालत देखकर साफ था कि किसी बड़े जंगली जानवर ने उन पर हमला किया था। परिजनों को बुलाकर शव की पहचान कराई गई। यह पुष्टि हुई कि शव गुनीराम यादव का ही था।

शव के आधे हिस्से को बाघ ने नोंच लिया था। उसके शरीर पर बाघ के हमले के निशान साफ नजर आ रहे थे। यह घटना मनुष्य और वन्यजीव के संघर्ष को दर्शाती है।

बुजुर्ग चरवाहे पर बाघ के हमले को ऐसे समझें 

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चरवाहे पर बाघ का हमला: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के चिल्फी थाना क्षेत्र में 65 वर्षीय गुनीराम यादव को बाघ ने शिकार बना लिया।

खोजबीन: गाय चराने के बाद गुनीराम देर शाम तक घर नहीं लौटे, जिससे परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और अगले दिन उनका शव जंगल में मिला।

शव की स्थिति: शव के आधे हिस्से पर बाघ के हमले के निशान थे, जिससे यह साफ था कि यह बाघ का हमला था।

इलाके में दहशत: इस घटना के बाद पूरे इलाके में डर का माहौल है और ग्रामीणों ने बाघ और अन्य वन्यजीवों की बढ़ती गतिविधियों की चिंता जताई।

जांच जारी: वन विभाग और पुलिस ने मर्ग कायम किया है और बाघ की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी है, साथ ही मामले की जांच जारी है।

इलाके में फैली दहशत

गुनीराम यादव के शिकार होने की घटना ने आसपास के इलाके में खौफ का माहौल बना दिया। ग्रामीणों के अनुसार सूपखार जंगल में कुछ समय से बाघ और अन्य हिंसक वन्यजीवों की आवाजाही बढ़ी है। इसके बावजूद, सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए थे। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। 

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वन विभाग और पुलिस की जांच जारी

वन विभाग ने इस घटना की पुष्टि करते हुए इसे मानव-वन्यजीव संघर्ष का मामला बताया है। फिलहाल, सबूत जुटाए जा रहे हैं और बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

वन विभाग ने यह भी बताया कि वे जंगलों में और भी सुरक्षा उपायों पर काम कर रहे हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के इंतजाम भी किए जा रहे है। 

एमपी कान्हा नेशनल पार्क बाघ का हमला कवर्धा बाघ की मूवमेंट चरवाहे पर बाघ का हमला
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