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Photograph: (the sootr)
सरगुजा जिले में पिछले कुछ दिनों से हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। खासकर प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के आसपास की बस्तियों में हाथियों के आक्रमण से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ताजा मामले में हाथियों के दल ने एक महिला को पहले हवा में उछाला फिर कुचल कर मार डाला। उसके बेटे ने किसी तरह पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई। इस घटना ने लोगों को दहशत में डाल दिया है।
आधी रात को किया हाथियों ने हमला
रात करीब दो बजे 25 से 30 हाथियों का एक दल प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के जंगल से निकलकर गौरा स्कूलपारा बस्ती में घुस गया। इन हाथियों ने सुबासो टेकाम के घर को पूरी तरह से ढहा दिया। इस समय महिला और उसका बेटा घर में सो रहे थे। घर के ढहने की आवाज सुनकर दोनों भागने लगे। इस दौरान महिला को हाथियों ने अपनी सूंड से उठाकर जमीन पर पटक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
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बेटे ने पानी टंकी पर चढ़कर बचाई जान
महिला का बेटा, जो घर के पास स्थित सोलर पानी टंकी पर चढ़ गया, अपनी जान बचाने में सफल रहा। वह पूरी रात टंकी पर चढ़ा रहा, जिससे उसे हाथियों से बचने का मौका मिला।
टंकी की ऊंचाई अधिक होने के कारण हाथी उस तक नहीं पहुंच सके। जिसके चलते उसकी जान बच गई। घटना के बाद से ही युवक काफी डरा हुआ बताया जा रहा है।
हाथी दल के हमले और दहशत को झटपट ऐसे समझें
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हाथियों का बढ़ता आतंक
सरगुजा जिले में पिछले कुछ महीनों से हाथियों का दल बस्तियों और गांवों में घुसकर घरों को क्षतिग्रस्त कर रहा है और फसलों को नष्ट कर रहा है। प्रतापपुर क्षेत्र के आसपास यह समस्या और भी गंभीर हो गई है। छत्तीसगढ़ में हाथी का हमला कोई लई बात नहीं है, अभी एक महीना पहले ही तीन लोगों की हाथियों ने जान ले ली थी।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह हाथी जंगलों में भोजन की कमी के कारण बस्तियों की ओर बढ़ रहे हैं। वे गांवों में घुसकर लोगों की फसलें खा जाते हैं और घरों को भी नष्ट कर देते हैं। कभी-कभी यह हाथी हिंसक भी हो जाते है, जो लोगों के लिए जानलेवा साबित होता है।
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हाथियों के बढ़ते हमलों का कारण
आवासीय क्षेत्र में घुसना: जैसे-जैसे वन क्षेत्रों में जंगलों की कटाई बढ़ती जा रही है, हाथियों को अपने भोजन के लिए गांवों की ओर आना पड़ रहा है।
कृषि गतिविधियां: खेती के लिए वन भूमि के दोहन के कारण हाथियों के प्राकृतिक आवास में कमी आई है।
हाथियों का आक्रामक व्यवहार: अपनी प्रजाति की रक्षा के लिए और भोजन की खोज में हाथी अक्सर आक्रामक हो जाते हैं।
वन विभाग की कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद वन विभाग ने आवश्यक कदम उठाए। प्रतापपुर रेंजर उत्तम मिश्रा ने मौके पर जाकर महिला के शव को वन विभाग के वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर भेजा, जहां उसका पोस्टमॉर्टम किया गया। इसके अलावा, मृतक महिला के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 25 हजार रुपये दिए गए हैं।
ग्रामीणों में डर का माहौल
यह घटना प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के गौरा स्कूलपारा इलाके में हुई, जो कि सूरजपुर जिले के अंतर्गत आता है। इस इलाके में पिछले कुछ समय से हाथियों का दल सक्रिय है और ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ है।