छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ के शराब घोटाले की जांच में शनिवार को एक बड़ा कदम उठाया गया। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी के लगभग चार महीने बाद आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की संयुक्त टीमों ने उनके करीबियों और सहयोगियों के 13 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
सुबह की पहली किरण के साथ रायपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और जगदलपुर में कार्रवाई शुरू हुई। छापेमारी के समय अधिकांश घरों में लोग सो रहे थे, जिससे कार्रवाई पूरी तरह से अचानक और योजनाबद्ध रही। देर शाम तक अधिकतर जगहों पर तलाशी पूरी कर ली गई थी।
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जल्द होंगे बड़े खुलासे - ईओडब्ल्यू
ईओडब्ल्यू सूत्रों के अनुसार, रायपुर के देवेंद्र नगर में कांग्रेस पार्षद प्रत्याशी श्रीनिवास राव के निवास पर कार्रवाई की गई। वहां उनके भाई जी नागेश भी रहते हैं, जिन्हें पूर्व मंत्री लखमा का करीबी माना जाता है। नागेश को अक्सर लखमा के सरकारी आवास पर देखा जाता रहा है।
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इसके अलावा रायपुर में ठेकेदार कमलेश नाहटा के निवास पर भी छापेमारी की गई। कमलेश मूल रूप से सुकमा का निवासी है और पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में राजधानी में शिफ्ट हुआ था। तलाशी के दौरान नाहटा के घर से ₹19 लाख नकद, कई प्रॉपर्टी दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और लेन-देन से जुड़े कागजात बरामद किए गए हैं। नकदी को जब्त कर लिया गया है और दस्तावेजों की जांच जारी है।
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ईओडब्ल्यू की टीमों का कहना है कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की व्यापक जांच का हिस्सा है। आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं।
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