छत्तीसगढ़ में अब नहीं रह सकेंगे घुसपैठिए... हर जिले में बनेगा घुसपैठियों का होल्डिंग सेंटर

छत्तीसगढ़ में अवैध तरीके से रह रहे पाकिस्तानी, बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। इन घुसपैठियों के लिए हर जिले में होल्डिंग सेंटर बनाया जाएगा।

author-image
Kanak Durga Jha
New Update
Infiltrators no longer  stay Chhattisgarh holding centre for infiltrators every districts
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ में अवैध तरीके से रह रहे पाकिस्तानी, बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। इन घुसपैठियों के लिए हर जिले में होल्डिंग सेंटर बनाया जाएगा। गिरफ्तारी के बाद उन्हें इन सेंटर्स में रखा जाएगा। 30 दिन में जांच करके इन्हें देश से बाहर (डिपोर्ट) भेज दिया जाएगा।

ये खबर भी पढ़िए...Weather Update : एक्टिव हुआ सिस्टम... अगले 48 घंटे तक होगी खतरनाक बारिश

ये होल्डिंग सेंटर डिटेंशन सेंटर की तरह काम करेंगे। इसके लिए गृह विभाग ने गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि जिले के कलेक्टर और एसपी को गाइडलाइन का सशब्द पालन करना होगा। यह भी निर्देश है कि घुसपैठियों को लेकर की गई कार्रवाई का ब्योरा हर माह की 5 तारीख को गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय को अनिवार्य रूप से भेजना होगा।

विदेश मंत्रालय लेगी सारे रिपोर्ट्स

मनोज कुमार पिंगुआ अपर मुख्य सचिव गृह विभाग ने गाइडलाइन में स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के तहत घुसपैठियों पर कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाए। घुसपैठियों की गिरफ्तारी की सूचना विदेश मंत्रालय को उपलब्ध कराई जाएगी। छत्तीसगढ़ में फिलहाल 4 बांग्लादेशियों की पहचान हो चुकी है। इनमें तीन रायपुर और एक भिलाई में अवैध रूप से रह रहा था। अभी ये जेल में है।

ये खबर भी पढ़िए...ICAI स्टूडेंट्स को कराएगा सिविल सर्विस की तैयारी, बैठक के बाद बड़ी घोषणा

पुलिस के आधीन प्रत्येक जिले में पर्याप्त होल्डिंग सेंटर स्थापित करना है। जिला प्रशासन और पुलिस के माध्यम से घुसपैठियों की पूरी जानकारी की जांच उसके मूल क्षेत्र से होगी। 30​ दिनों के अंदर सत्यापन के बाद घुसपैठिए के निर्वासन संबंधी रिपोर्ट भेजना होगा। जांच की अवधि के दौरान संदिग्ध को होल्डिंग सेंटर में रखा जाएगा।

पकड़े जाने के बाद घुसपैठियों को नहीं मिलेगी इंटरनेट की सुविधा

अगर जांच के दौरान संदिग्ध बांग्लादेशी या रोहिंग्या पाया जाता है तो उसका बायोमैट्रिक्स और जनसांख्यिकी विवरण गृह मंत्रालय के विदेशी पहचान पोर्टल (एफआईपी)https://identification-mha-goc-in पर दर्ज किया जाएगा। जहां पर इंटरनेट उपलब्ध नहीं होगा,वहां पर इस प्रक्रिया को ऑफलाइन किया जाए। जिला पुलिस मॉड्यूल के तहत जिले में उपलब्ध बायोमैट्रिक उपकरण का उपयोग करेगी। बायोमैट्रिक को कैप्चर करने के लिए नफीस सॉफ्टवेयर का उपयोग बंद कर दिया जाएगा।

ये खबर भी पढ़िए...पेंशनरों का बढ़ा महंगाई भत्ता... 7% की बढ़ोतरी, मंत्रालय से आदेश जारी

असम में सबसे ज्यादा 6 डिटेंशन सेंटर

केंद्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2020 तक भारत में 10 आधिकारिक डिटेंशन सेंटर हैं। जिसमें सबसे ज्यादा असम में छह हैं। वहां करीब 1133 बंदी हैं। इनमें 98% बंदी बांग्लादेश से आए हैं, बाकी म्यांमार के हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में दो और कर्नाटक, गोवा और दिल्ली में एक-एक डिटेंशन सेंटर्स बनाए गए हैं। जहां घुसपैठियों को रखा गया है।

डिटेंशन सेंटर्स में किन्हें रखा जाएगा: बिना वैध वीसा या पासपोर्ट के भारत में रहने वाले विदेशी नागरिक। वे लोग, जिन्हें विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा विदेशी घोषित किया गया हो। अवैध रूप से सीमा पार करने वाले प्रवासी, जैसे बांग्लादेशी या रोहिंग्या शरणार्थी। ऐसे लोग, जिनका निर्वासन लंबित है, लेकिन उनकी नागरिकता का सत्यापन बाकी है।

ये खबर भी पढ़िए...नक्सलियों के खौफ से जहां परिंदा पर नहीं मारता... वहां पहुंचे CM साय

 

Chhattisgarh Government | cg government | cg government decision | CG Government Report | CG News | cg news hindi | cg news update | cg news today

CG News छत्तीसगढ़ Chhattisgarh Government cg government decision CG Government Report cg government cg news update cg news hindi cg news today