नकली बीज रैकेट का भंडाफोड़, नामी कंपनियों के नाम पर किसानों से धोखा

छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में नकली धान और मक्का बीज के अवैध कारोबार का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। जिला प्रशासन और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने छापा मारकर भारी मात्रा में नकली बीज, पैकिंग सामग्री, सीलिंग मशीनें और रंगीन केमिकल जब्त किए हैं।

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Krishna Kumar Sikander
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Fake seed racket busted, farmers cheated in the name of reputed companies the sootr
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छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में नकली धान और मक्का बीज के अवैध कारोबार का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। जिला प्रशासन और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने गंगापुर क्षेत्र में एक अवैध फैक्ट्री पर छापा मारकर भारी मात्रा में नकली बीज, पैकिंग सामग्री, सीलिंग मशीनें और रंगीन केमिकल जब्त किए हैं। इस कार्रवाई ने नकली बीज के काले कारोबार की गहरी साजिश को उजागर किया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान का खतरा था।

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रात में तैयार होते थे नकली बीज, दिन में होती थी पैकिंग

छापे के दौरान गंगापुर में एक खुले मैदान में बनी फैक्ट्री पकड़ी गई, जहां लोहे के टिन और तिरपाल से ढके स्थान पर नकली बीज तैयार किए जा रहे थे। जांच में पता चला कि रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक मशीनें चलाकर स्थानीय धान और मक्के को केमिकलयुक्त रंग में डुबोकर आकर्षक बनाया जाता था। इसके बाद, दिन में इन बीजों को नामी कंपनियों के नकली पैकेटों में भरकर सील किया जाता था। मौके से हजारों भरे और खाली पैकेट, रंगीन तरल पदार्थ और पैकिंग सामग्री बरामद हुई।

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रायगढ़ और चंद्रपुर से मंगाए गए 750 बोरी धान

टीम को सूचना मिली थी कि गंगापुर में नकली बीज बनाने का धंधा चल रहा है। छापे के समय फैक्ट्री के बाहर एक ट्रक खड़ा था, जिसमें रायगढ़ के सरिया और चंद्रपुर से लाए गए 750 बोरी धान थे। इन धानों को रंगकर नकली बीज के रूप में बाजार में बेचने की तैयारी थी। आशंका है कि यह रैकेट लंबे समय से सक्रिय था और बाजार में पहले ही भारी मात्रा में नकली बीज बिक चुके हैं।

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किसानों को ठगने की साजिश

जब्त किए गए पैकेट नामी बीज कंपनियों जैसे दिखते थे, जिससे किसानों के लिए असली और नकली में अंतर करना मुश्किल था। यह सुनियोजित साजिश किसानों को गुमराह कर उनकी मेहनत और फसल को नुकसान पहुंचाने की थी। यदि ये नकली बीज बाजार में खप गए होते, तो किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता।

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संचालक फरार, फैक्ट्री सील

फैक्ट्री का संचालक इंद्रजीत छापे के दौरान फरार हो गया। मजदूरों ने बताया कि वह इस धंधे का मास्टरमाइंड था। प्रशासन ने ट्रक और फैक्ट्री को सील कर दिया है और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तहसीलदार उमेश कुमार बाज ने बताया कि यह मामला सिर्फ आर्थिक धोखाधड़ी का नहीं, बल्कि खाद्य सुरक्षा और किसान हितों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र का है। संचालक की तलाश जारी है।

किसानों को सतर्क रहने की सलाह

प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे बीज खरीदते समय केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानों से खरीद करें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत कृषि विभाग या प्रशासन को दें। अधिकारियों का कहना है कि यह रैकेट केवल अंबिकापुर तक सीमित नहीं हो सकता, बल्कि अन्य जिलों में भी ऐसे गिरोह सक्रिय हो सकते हैं। 

 नकली बीज रैकेट का भंडाफोड़ | नामी कंपनियों के नाम पर किसानों से धोखा 

नामी कंपनियों के नाम पर किसानों से धोखा नकली बीज रैकेट का भंडाफोड़