Farmers are upset at paddy procurement center : विष्णुदेव साय सरकार की धान खरीदी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई है। सरकार चुनाव में लगी है। इधर अफसरों ने तय तारीख से दो दिन पहले ही खरीदी के टोकन बांटना बंद कर दिए हैं। सरकार धान खरीदी का पुराना रिकॉर्ड तोड़ने पर गदगद है, जबकि उसके सामने दो दिन में 10 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की चुनौती है। यानी प्रतिदिन पांच लाख मीट्रिक टन की खरीदी करनी होगी।
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चुनाव ने बिगाड़ा सरकार का गणित
धान खरीदी छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा आयोजन और मुद्दा है। धान ही यहां सरकारें तय करती है। इसी धान पर सरकार की सारी प्लानिंग धरी रह गई। सरकार की प्लानिंग का गणित बिगाड़ा चुनाव ने। एक तरफ तो राज्य में नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव उफान पर आए, वहीं दूसरी ओर धान खरीदी की अंतिम तारीख नजदीक आती गई। सरकार का पूरा फोकस चुनाव पर हो गया। पूरी सरकार नगरीय निकाय और पंचायतों में पैठ बनाने की प्लानिंग में जुटी रही।
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इधर सरकारी मशीनरी ने दो दिन पहले धान खरीदी बंद कर दी। दरअसल, धान खरीदी केंद्रों पर 29 तारीख तक के ही टोकन बांटे गए हैं। यानी सरकार 30 और 31 तारीख को टोकन वाले किसानों का ही धान खरीदेगी। इसमें सबसे बड़ी परेशानी उन ढ़ाई लाख किसानों को होने जा रही है, जिनके खेत-खलिहान में रखा हुआ है और उनको टोकन नहीं मिल सका है।
अपना वादा भी पूरा नहीं कर रही सरकार
कांग्रेस धान खरीदी में हमेशा सरकार को नाकाम करार देती रही है। इसके पीछे का कारण है कि सरकार किसानों से किया हुआ चुनावी वादा भी पूरा नहीं कर रही है। सरकार ने मोदी की गारंटी के तहत किसानों से 3100 रुपए में धान खरीदने का वादा किया था, लेकिन धान की खरीदी 2300 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से ही की गई है। हालांकि, नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों के मद्देनजर फरवरी में अंतर की राशि 800 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों के खाते में डालने की घोषणा की गई है।
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ये है धान खरीदी का पूरा बहीखाता
- 25 लाख से अधिक किसानों ने बेचा धान
- 27 लाख 78 हजार किसानों ने कराया पंजीयन
- इनमें 1 लाख 59 हजार नए किसानों शामिल है।
- करीब ढाई लाख किसानों को नहीं मिला टोकन
- अब तक 29 हजार 599 करोड़ रुपए का भुगतान
- कुल खरीदी का 110 लाख मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ और टीओ जारी
- 87 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का हो चुका है उठाव
- 2739 उपार्जन केंद्र बनाए गए
- 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य
- 145 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी गई
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