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कृष्ण कुमार सिकंदर। रायपुर. FIR against Bhupesh Baghel in Mahadev Satta App : छत्तीसगढ़ के महादेव सट्टा एप घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ सीबीआई के एफआईआर को एक तीर से दो निशाना माना जा रहा है। दरअसल, महादेव सट्टा एप घोटाले में सीधे भूपेश बघेल को आरोपी बनाए जाने का असर छत्तीसगढ़ के साथ पंजाब पर भी पड़ेगा। इससे छत्तीसगढ़ कांग्रेस में उनकी पकड़ कमजोर होगी ही पंजाब चुनाव में भी भूपेश बघेल मुखर नहीं हो सकेंगे।
भूपेश बघेल पर एफआईआर के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है और विपक्ष ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने उनके साथ नया खेल शुरू किया है। भाजपा मुझे प्रताड़ित कर रही, लेकिन वह डरने वाले नहीं हैं।
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पंजाब चुनाव में दिखेगा असर
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक बड़ा चेहरा हैं। भूपेश के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में लौटी थी। यह अलग बात है कि भूपेश बघेल सरकार ने मात्र 5 साल में ही जनता का विश्वास खो दिया। इसके बावजूद भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरे। कांग्रेस हाईकमान कई मौकों पर उन पर भरोसा भी जताया। इस दौरान कई राज्यों में उनको चुनाव की जिम्मेदारी भी दी गई।
इस समय भूपेश बघेल न केवल पंजाब के प्रभारी हैं, बल्कि राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। ऐसे में अगर महादेव सट्टा एप घोटाला, शराब घोटाला, कोयला घोटाला, सीजीपीएससी परीक्षा घोटाला आदि मामले में उनका नाम आता है या आरोपी बनाए जाते हैं तो इसका असर दूर तक होगा। इस समय भले ही छत्तीसगढ़ में कोई चुनाव नहीं हो, लेकिन आगामी पंजाब चुनाव में इसका असर दिखाई देगा।
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भूपेश बघेल ने खुद संभाली कमान
महादेव सट्टा एप घोटाले में सीबीआई के एफआईआर के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद कमान संभाली और भाजपा और केंद्र सरकार पर आरोप लगाए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश ने बीजेपी और केंद्र सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ना का प्रयास है। सरकार उनको गिरफ्तार करना चाहती है तो वह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी को उनका कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनना और पंजाब का प्रभारी बनना खटक रहा है।
प्रदेश की विष्णुदेव सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महादेव सट्टा एप मामले में ईडी ने ईओडब्ल्यू को केस सौंपा। इसके बाद ईओडब्ल्यू ने सीबीआई को सौंप दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि 18 दिसंबर 2024 को एफआईआर हुई थी, लेकिन उसे अब सार्वजनिक किया गया है। भारत सरकार के पास गेमिंग के खिलाफ कोई कानून नहीं है। गेमिंग एक्ट 1867 भी अंग्रेजों के समय का है। हमारी सरकार ने इस पर कानून बनाया। अब उनके खिलाफ ही बदले की कार्रवाई की जा रही है।
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बीजेपी कार्यालय से वीडियो जारी होने का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाया कि चुनाव से पहले नवंबर में शुभम सोनी नामक व्यक्ति का वीडियो भाजपा कार्यालय से जारी होता है। शुभम के इस वीडियो को भाजपा ने क्यों और कैसे किया? उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? सीबीआई की एफआईआर में उनका नाम छठे नंबर पर है, जबकि मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर तक का नाम मेरे नाम के बाद लिखा है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने अपने एफआईआर में 21 बेटिंग एप का जिक्र किया है और उनके मालिक और उसके सहयोगी का नाम बताया गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आरोपियों में से किसी में भी शुभम सोनी को मालिक या उसका सहयोगी नहीं बताया गया है।
इसके बावजूद शुभम सोनी के कथित बयान पर मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने सीबीआई से पूछा कि अगर महादेव सट्टा ऐप मामले में शुभम सोनी के आरोप पर उनके विरुदध एफआईआर हो सकती है तो वह भी आरोप लगा रहे हैं कि प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के संरक्षण में महादेव ऐप चल रहा है। अब क्या सीबीआई इस आरोप का जांच करेगी और आरोपियों पर कार्यवाही करेगी?
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कांग्रेस ने कहा, बघेल की लोकप्रियता से डर गई बीजेपी
कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से डरी हुई है। यह डर बहुत पुराना है। यही कारण है कि जब भूपेश बघेल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे, तब तत्कालीन रमन सरकार ने उनके पीछे राज्य की एजेंसियां लगा रखी थीं। उनके विरुदध सीडी का फर्जी केस दर्ज कर जेल भेज दिया था। सीडी मामले में भूपेश बघेल के विरुदध सीबीआई जांच करवाई। इतना ही नहीं जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे, तब भी बदनाम करने के लिए उनके सहयोगियों के खिलाफ ईडी और सीबीआई की छापेमारी करवाई गई थी। अब महज एक ड्राइवर के बयान को आधार बनाकर उनके विरुदध ईडी ने महादेव एप मामले में झूठा आरोप लगाया है।
बीजेपी बोली, कानून से बड़ा कोई नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आरोपों को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने खारिज कर दिया। मंत्री जायसवाल ने कहा कि कोई कितना भी ताकतवर हो, वह कानून से बड़ा नहीं हो सकता है। शक्ति का दुरुपयोग करके जो कोई भी ऐसा काम करेगा तो उसके विरुदध कार्रवाई सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को तो खुश होना चाहिए और जांच में भी मदद करना चाहिए, क्योंकि सरकार सभी घोटाले की मॉनिटरिंग कर रही है।
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