छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पंडित राजेन्द्र शुक्ल की मौत हो गई थी। 2006 में हुई इस मौत के मामले में अब फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जान केम के विरुद्ध प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है। यह प्राथमिकी सरकण्डा थाने में दर्ज करवाई गई है।
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एक मरीज के परिजन की शिकायत के बाद खुलासा
मध्य प्रदेश के दमोह के मिशन अस्पताल लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एन जोन केम के नाम पर फर्जी डॉक्टर ने ढाई महीने में 15 हार्ट ऑपरेशन कर डाले। दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच हुए इन ऑपरेशन में 7 मरीजों की मौत हो गई थी। इसका पर्दाफाश तब हुआ जब एक मरीज के परिजन ने डॉक्टर की शिकायत की थी। इसके बाद मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया। यह मामला तब उजागर हुआ, जब राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के एक सदस्य ने सोशल मीडिया पर इसके बारे में एक पोस्ट की। इस पोस्ट में मिशन अस्पताल में सात मरीजों की मौत और फर्जी डॉक्टर का उल्लेख किया। सात मरीजों की मौत के मामले में फर्जी डॉक्टर नरेंद्र के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया।
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फर्जी डॉक्टर का बिलासपुर कनेक्शन
आरोपी फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव का बिलासपुर कनेक्शन सामने आया। बिलासपुर में भी ये कई लोगों की जान ले चुका है। इनमें सबसे बड़ा नाम छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का है। पंडित राजेन्द्र शुक्ल अविभाजित मध्य प्रदेश में भी विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके बेटे प्रदीप शुक्ल ने ये आरोप लगाए हैं। तब 2006 में डॉ नरेंद्र बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में काम कर रहे थे। अब सवाल उठ रहे हैं कि उनको नियुक्ति कैसे दी गई।
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एफआईआर में अपोलो प्रबंधन भी आरोपी
स्व. राजेन्द्र शुक्ल के बेटे डॉक्टर प्रदीप शुक्ला की शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया। प्राथमिकी में अपोलो प्रबंधन को भी आरोपी बनाया गया है। अस्पताल प्रबंधन पर आरोप है कि दस्तावेज सत्यापित किए बिना फर्जी डॉक्टर को इलाज का मौका दिया। इसके अलावा पुलिस प्रबंधन की भूमिका की भी पड़ताल कर रही । दिवंगत कांग्रेस नेता स्वर्गीय राजेंद्र शुक्ल के बेटे का बयान आने के बाद सीएमएचओ ने एक्शन लिया और अपोलो अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया। साथ ही जवाब मांगा गया कि किस आधार पर डॉक्टर की नियुक्ति की गई थी। फर्जी डॉक्टर की शैक्षणिक योग्यता से संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा है। इस मामले में एफआईआर के साथ स्वास्थ्य विभाग की भी जांच जारी है।
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