UAPA के तहत छत्तीसगढ़ में पहली कार्रवाई, ISIS की तरह काटा था गो-सेवक का गला

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में गो-सेवक साधराम यादव हत्याकांड में दो आरोपियों पर UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रदेश में पहली बार गैर नक्सल मामले में UAPA के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस अफसरों के मुताबिक, जांच में दोनों आरोपियों का आतंकी कनेक्शन मिला है।

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Pratibha Rana
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गो-सेवक साधराम यादव

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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) कानून के तहत पहली कार्रवाई की गई है (First action Chhattisgarh under UAPA)। इस मामले मे दो लोगों को आरोपी बनाया गया है। बता दें कि सीजी में कुछ दिन पहले गो-सेवक साधराम यादव की गला काटकर हत्या कर दी थी (Kawardha Sadharam murder case)। आरोपी अयाज खान और इद्रीस खान ने साधराम की हत्या बिल्कुल अंतकवादी संगठन  ISIS के पैर्टन पर की थी। ये मामला राजनीतिक सुर्खियों में भी बना हुआ है। 

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गो-सेवक का गला काटने का तरीका था ISIS जैसा

दरअसल कवर्धा के साधराम हत्याकांड मामले का अंतकवादी संगठन से कनेक्शन सामने आया है। दो आरोपियों के खिलाफ टेररिस्ट एक्ट के तहत कारवाई की जा रही है। बता दें, लालपुर गांव में मवेशी चरवाहा साधराम यादव की 20 जनवरी की रात गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड के 1 नाबालिग समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। परिजनों ने कवर्धा बंद चक्काजाम कर दोषियों को फांसी की सजा की मांग की। वहीं मृतक के परिवार ने शासन से मिले 5 लाख का चेक लौटा दिया था। 

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हत्याकांड में मृतक के घर पहुंचे थे शास्‍त्री

पंडित धीरेंद्र कृष्‍ण शास्त्री 28 जनवरी की रात को लालपुर हत्याकांड में मृतक साधराम यादव के घर ग्राम लालपुर पहुंचे। यहां उन्होंने मृतक के परिवार से मुलाकात की और उन्हें 2 लाख 51 हजार रुपए की मदद की। इसके अलावा उन्होंने भक्तों से अपील कर और भी मदद कराने का आश्वासन दिया। शास्‍त्री ने कहा था कि सनातन धर्म क्या है पांच दिन के अज्ञातवास में हमने यह पुस्तक लिखी है। उस पुस्तक में जानकारी संक्षिप्त है। छोटा पैक बड़ा धमाका, उस पुस्तक को पढ़ने के बाद छोटा से छोटा बच्चा भी एक लाख सनातन विरोधियों के बीच खड़ा होकर बोलेगा सनातन धर्म की जय हो। उन्होंने हिंदुओं से अपील करते हुए कहा कि एक हो जाओ वरना हर घर में कांड हो सकता है। इन विरोधियों की ठठरी बारने की जरूरत है।

UAPA (अनैतिक गतिविधि रोकथाम अधिनियम) कानून क्या है?

UAPA कानून भारत में आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए बनाया गया एक कानून है। यह कानून 1967 में लागू किया गया था और तब से इसमें कई बार संशोधन किए गए हैं।

UAPA कानून के मुख्य प्रावधान:

  • UAPA कानून के तहत, सरकार किसी भी संगठन को "आतंकवादी संगठन" घोषित कर सकती है।
  • इस कानून के तहत, किसी भी व्यक्ति को "आतंकवादी" घोषित किया जा सकता है।
  • UAPA कानून के तहत, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने या उन्हें समर्थन देने के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।

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UAPA कानून के विवाद:

  • UAPA कानून की आलोचना इस बात के लिए भी की जाती है कि इसका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए भी किया जा सकता है।
  • कुछ लोगों का मानना ​​है कि UAPA कानून बहुत कठोर है और इसका इस्तेमाल मनमाने ढंग से किया जा सकता है।

UAPA कानून के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

UAPA कानून के तहत, "आतंकवादी गतिविधि" को इस प्रकार परिभाषित किया गया है:

  • भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाना
  • भारत सरकार या राज्य सरकारों को उखाड़ फेंकना
  • लोगों में भय या आतंक पैदा करना
  • सामाजिक या धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ना

UAPA कानून के तहत, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने या उन्हें समर्थन देने के लिए 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।

Unlawful Activities Prevention Act Kawardha Sadharam murder case First action Chhattisgarh under UAPA