छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में शिक्षक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े की शिकायतें सामने आने के बाद जिला प्रशासन सख्त हो गया है। कलेक्टर कुंदन कुमार ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ), डीएमसी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और बीआरसी को चेतावनी दी है कि यदि युक्तियुक्तकरण में कोई अनियमितता पाई गई, तो विभागीय कार्रवाई से पहले कानूनी कार्रवाई होगी।
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शिक्षा विभाग में हड़कंप, डीईओ-डीएमसी पर निशाना
कलेक्टर ने डीईओ चन्द्र कुमार धृतलहरे और डीएमसी का प्रभार संभाल रहे अजय नाथ की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उनकी लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "मुझे गड़बड़ियों की पूरी जानकारी मिल चुकी है। यह आखिरी चेतावनी है। बीईओ और बीआरसी भी सतर्क हो जाएं।" कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि युक्तियुक्तकरण में पारदर्शिता अनिवार्य है, और किसी भी तरह की गड़बड़ी पर कठोर कदम उठाए जाएंगे।
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यहां और ऐसे हो रहा फर्जीवाड़ा
शिक्षक युक्तियुक्तकरण में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। कई स्कूलों में शिक्षक पदों की मांग बढ़ाने के लिए बच्चों की संख्या को गलत तरीके से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है। युक्तियुक्तकरण के मानकों को तोड़ने के लिए स्कूलों की आपसी दूरी में हेरफेर की शिकायतें मिली हैं। लंबे समय से स्कूल न आने वाले बच्चों को उपस्थिति में दिखाकर संख्या बढ़ाई जा रही है। अतिरिक्त शिक्षकों को छुपाकर उन्हें उसी स्कूल में बनाए रखने की कोशिश की जा रही है, जो नीति के खिलाफ है।
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पारदर्शिता नहीं, तो FIR पक्की
कलेक्टर कुंदन कुमार ने सख्त लहजे में कहा, "गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पारदर्शिता से समझौता करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज होगी।" उन्होंने सभी अधिकारियों को चेताया कि इस मामले में कोई ढील नहीं बरती जाएगी।
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कलेक्टर की चेतावनी से अफरातफरी
कलेक्टर की इस सख्त चेतावनी के बाद मुंगेली के शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। अब सवाल यह है कि क्या अधिकारी इस चेतावनी को गंभीरता से लेंगे और युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में सुधार करेंगे, या स्थिति जस की तस रहेगी? जिला प्रशासन की नजर अब शिक्षा विभाग के हर कदम पर है।
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