एमबीबीएस छात्रों ने फर्जी वारंट भेजकर युवक से वसूले 1 लाख, ऐसे हुआ मामले का खुलासा

जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे दो छात्रों को फर्जी गैर जमानती वारंट तैयार कर वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपी पहले PMT मुन्नाभाई प्रकरण से भी जुड़े रहे हैं।

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Harrison Masih
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Gariaband. छत्तीसगढ़ पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। फर्जी गैर जमानती वारंट (नॉन-बेलेबल वारंट) तैयार कर एक युवक से ब्लैकमेलिंग के जरिए पैसों की वसूली करने वाले दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों आरोपी पहले भी पीएमटी परीक्षा में फर्जीवाड़ा (मुन्ना भाई प्रकरण) के चलते जेल जा चुके हैं और जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।

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फर्जी वारंट और ब्लैकमेलिंग

गरियाबंद जिले के थाना छुरा क्षेत्र के प्रार्थी खेमचंद ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। अगस्त 2025 में प्रार्थी को डाक से एक फर्जी नॉन-बेलेबल वारंट प्राप्त हुआ। आरोपी निखिल राज ने प्रार्थी से संपर्क कर धमकी दी कि झूठे मामले में जेल भिजवा दिया जाएगा, जिसके एवज में ₹2 लाख की मांग की गई।  डरकर प्रार्थी ने उसी माह आरोपी निखिल राज को ₹1 लाख और डाक से प्राप्त फर्जी वारंट सौंप दिया था।

इसके बाद, निखिल राज और उसके साथी चन्द्रशेखर उर्फ चंदन सेन ने लगातार जेल भेजने की धमकी देते हुए और पैसों की मांग करना शुरू कर दिया। शिकायत के आधार पर थाना छुरा में अपराध क्रमांक 183/2025 के तहत संबंधित धाराओं में मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

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फिल्मी अंदाज में गिरफ्तारी

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी चन्द्रशेखर उर्फ चंदन सेन (निवासी कनसिंघी, छुरा) को पकड़ा। पूछताछ में चंदन सेन ने बताया कि उसका साथी निखिल राज (निवासी सिजारी खुर्द, झांसी, यूपी) ट्रेन से भाग रहा है। पुलिस ने तत्काल ट्रेन के लोकेशन के आधार पर आरपीएफ बिलासपुर और पेण्ड्रारोड की मदद ली। तकनीकी सहायता से निखिल राज को ट्रेन से ही पकड़ने में कामयाबी मिली।

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पहले भी 'मुन्ना भाई' प्रकरण में जा चुके हैं जेल

पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी होने के बावजूद, ज्यादा खर्च करने की आदत के कारण वे वर्ष 2009 से ही भोले-भाले लोगों को झांसा देकर पैसे ऐंठने का काम कर रहे हैं। दोनों आरोपी वर्ष 2007 में पीएमटी परीक्षा पास कर जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में दाखिल हुए थे, जहां उनकी पहली मुलाकात हुई थी। जल्द अमीर बनने की लालच में उन्होंने यह रास्ता चुना। आरोपियों ने महासमुंद में वास्तविक अभ्यर्थी की जगह दूसरे व्यक्ति को परीक्षा में बैठाया। व्यापम को जानकारी होने पर दोनों सहित 9 लोगों पर थाना कोतवाली महासमुंद में अपराध पंजीबद्ध हुआ।

इसी तरह बिलासपुर में भी फर्जी अभ्यर्थी को परीक्षा में बैठाया गया, जिसमें दोनों आरोपियों सहित 8 लोगों पर थाना सरकंडा, बिलासपुर में अपराध पंजीबद्ध हुआ।जांच के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ़ थाना छुरा में अपराध की धाराएं भी बदली गई हैं, जिनमें अब बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धाराएं 111, 318 (4), 338, 336 (3), 340 (1)(2) जोड़ी गई हैं। दोनों आरोपियों के विरुद्ध राज्य और राज्य के बाहर कई थानों में धोखाधड़ी के अपराध पंजीबद्ध हैं।

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