ईडी के हवाले झारखंड शराब घोटाले की जांच, टुटेजा-ढेबर से होगी पूछताछ

झारखंड शराब घोटाले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) के हाथ में आ गई है। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के आरोपी अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ECIR दर्ज कर लिया है। कोर्ट से पूछताछ की इजाजत भी ले ली है।

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Arun Tiwari
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JHARKHAND LEQUER SCAME

Photograph: (the sootr)

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RAIPUR. छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के आरोपी अनिल टुटेजा, एपी त्रिपाठी और अनवर ढेबर अब झारखंड शराब घोटाले में उलझते जा रहे हैं। उन्हें अब झारखंड शराब घोटाले की जांच और पूछताछ से गुजरना होगा। झारखंड के चर्चित शराब घोटाले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपने हाथ में ले ली है। एसीबी द्वारा दर्ज कांड संख्या 9/2025 के आधार पर ED ने ECIR नंबर 10/2025 दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

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ईसीआईआर के तहत मामला दर्ज

बताया जा रहा है कि ED ने एसीबी मामला 9/2025 को अपनाया है। ED ने अब धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला (ECIR) दर्ज किया है।

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छत्तीसगढ़ के आरोपियों पर इडी की कार्रवाई को ऐसे समझें

  • झारखंड शराब घोटाला की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपने हाथ में ले ली है, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।
  • छत्तीसगढ़ शराब घोटाला के आरोपी पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी अब इस नई झारखंड जांच के दायरे में आ गए हैं।
  • ED ने ACB के केस को अपनाया है और मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत ECIR नंबर 10/2025 दर्ज करके अपनी समानांतर कार्रवाई शुरू कर दी है।
  • रांची की स्पेशल PMLA कोर्ट ने ED को जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ करने और उनके बयान दर्ज करने की इजाजत (Green Signal) दे दी है।
  • ED की एंट्री से इस मामले में अब काले धन के तार और नए राज़ खुलने की उम्मीद है, जिससे कई प्रभावशाली लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

अदालत ने दी हरी झंडी 

ईसीआईआर दर्ज होने के बाद, ईडी ने रांची स्थित विशेष पीएमएलए अदालत से अनुमति मांगी है। यह अनुमति एसीबी द्वारा गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के लिए मांगी गई है। अदालत ने एजेंसी को जेल में बंद व्यक्तियों से पूछताछ करने की अनुमति दे दी है। ईडी के आवेदन की फाइलिंग संख्या 11431/2025 और पंजीकरण संख्या 10/2025 थी। पीएमएलए के तहत ईडी की जांच शुरू होने के बाद, मामले ने एक महत्वपूर्ण मोड़ ले लिया है। अब घोटाले की जांच एक नए स्तर पर पहुंच चुकी है।

छत्तीसगढ़ के आरोपियों की बढ़ेगी टेंशन

इस जांच के सीधे लपेटे में वे आरोपी आ रहे हैं जो पहले से ही छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में फंसे हुए हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और बड़े कारोबारी अनवर ढेबर का है। इनके साथ ही, पूर्व आईटीएस अफसर एपी त्रिपाठी को भी इस नई जांच से गुजरना होगा। ED का यह कदम दिखाता है कि कैसे मनी लॉन्ड्रिंग के तार एक राज्य से दूसरे राज्य तक फैले हुए हैं।

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घोटाले में अनिल टुटेजा का क्या रोल है?

ED की एंट्री मुख्य रूप से मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल की जांच के लिए हुई है। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के आरोपी अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर पर आरोप है कि वे शराब कारोबार का सिंडिकेट चला रहे थे। ED को शक है कि इस सिंडिकेट और काले धन का संबंध झारखंड के शराब घोटाले से भी हो सकता है। ED अब दोनों मामलों के बीच संबंधों की जांच करेगी।

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