हिड़मा को गौमांस खाने का है शौक... 24 घंटे थ्री लेयर सिक्योरिटी में रहता है

मोस्ट वांटेड नक्सली माड़वी हिड़मा फोर्स का अगला सबसे बड़ा टारगेट है। हिड़मा की तलाश में जवान कई सालों से लगे हुए हैं। 100 से अधिक जवानों की जान लेने वाला नक्सली हिड़मा नक्सलियों और हथियारों से लैस खुद एक सादा जीवन जीता है।

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Kanak Durga Jha
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Hidma fond eating beef remains under three layer security 24 hours day
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मोस्ट वांटेड नक्सली माड़वी हिड़मा फोर्स का अगला सबसे बड़ा टारगेट है। हिड़मा की तलाश में जवान कई सालों से लगे हुए हैं। 100 से अधिक जवानों की जान लेने वाला नक्सली हिड़मा नक्सलियों और हथियारों से लैस खुद एक सादा जीवन जीता है। माड़वी हिड़मा हर वक्त थ्री लेयर सिक्योरिटी में रहता है। हिड़मा को शुगर की बीमारी है। आइए आपको बताते है घने जंगलों के बीच सालों से छिपा हुआ नक्सली कैसे अपनी जिंदगी बिता रहा है...

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250 से अधिक नक्सलियों के संरक्षण में रहता है नक्सली

माड़वी हिड़मा के करीबियों ने कई बार हिड़मा से जुड़ी अहम जानकारियां दी। हिड़मा 24 घंटे 250 से अधिक नक्सलियों के संरक्षण में होता है। यह सभी नक्सली हथियारों से लैस होते हैं। जंगलों में रहने के बावजूद माड़वी हिड़मा अपनी जिंदगी का मजा ले रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स एक मुताबिक, हिड़मा को बीफ यानी गौमांस खाना पसंद है। 

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माड़वी हिड़मा को शुगर की बीमारी है। इसलिए वह रोटी खाना पसंद करता है। हिड़मा बहुत अनुशासित जीवन जीता है वो रोज सुबह 4 बजे उठ जाता है और नित्यकर्म के बाद पूरी बटालियन से पीटी करवाता है। इसके सा ही वो देश-दुनिया की खबरों की जानकारी जुटाता है। साथियों के साथ आगे की गतिविधि की प्लानिंग करता है। रात के देर तक किताब पढ़ता है और साथियों के साथ मंत्रणा करता है। 

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हिड़मा ने कई जवानों की ली जान

बस्तर की मिट्टी को खून से रंगने वाला नक्सली हिड़मा आज तक फोर्स की नजरों से बचा हुआ है। 2010 से लेकर 2023 तक हिड़मा ने कई जवानों की जान ली। सुकमा हो या दरभा हर मुठभेड़ के पीछे हिड़मा की ही कूटनीति थी। सूत्रों के मुताबिक, हिड़मा ने अब तक 40 से अधिक नक्सली हमलों को अंजाम दिया है। हिड़मा का दहशत सबसे अधिक बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा में रहा हैं। 

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