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Photograph: (the sootr)
DURG. मध्यप्रदेश के आईएएस संतोष वर्मा का बयान छत्तीसगढ़ में विवाद का कारण बन गया है। 23 नवंबर को भोपाल में उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर एक विवादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि, "जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं करेगा, तब तक आरक्षण मिलना चाहिए।"
इस बयान ने ब्राह्मण समाज को नाराज कर दिया है। समाज ने इसे महिलाओं का अपमान और जातिवाद फैलाने वाला बताया। ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि बयान वरिष्ठ IAS अधिकारी की गरिमामय के विपरीत है। समाज ने विवादित अधिकारी को दुर्ग लाने वाले को एक लाख का इनाम देने की घोषणा भी की है।
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दुर्ग में ब्राह्मण समाज का विरोध
दुर्ग में सर्व ब्राह्मण समाज ने इस बयान के खिलाफ कलेक्टोरेट के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। समाज के नेताओं ने IAS अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
ब्राह्मण समाज ने ऐलान किया कि अधिकारी को दुर्ग लाने वाले को 1 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। समाज ने धमकी दी कि अगर अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं होती है, उग्र आंदोलन किया जाएगा।
समाज पदाधिकारियों का बयान
दुर्ग सर्व ब्राह्मण समाज संभाग अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने इस विवादित बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह बयान किसी भी सभ्य और जिम्मेदार सरकारी अधिकारी से नहीं आ सकता। समाज ने मध्यप्रदेश सरकार से मांग की है कि इस अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, उन्होंने मध्यप्रदेश के प्रशासन से यह भी अपील की कि अधिकारी के खिलाफ जल्द से जल्द FIR दर्ज की जाए।
संतोष वर्मा पर सरकारी कार्रवाई
इधर मध्यप्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने IAS अफसर संतोष वर्मा को नोटिस जारी किया है। उन्होंने संतोष वर्मा से सात दिनों के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। उन्हें सिविल सेवा आचरण नियमावली का उल्लंघन का दोषी माना गया है। इस बयान के बाद से देशभर में विरोध हो रहा है। मध्यप्रदेश में इस मुद्दे को लेकर आक्रोश और बढ़ता जा रहा है।
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ब्राह्मण समाज का दृष्टिकोण
ब्राह्मण समाज ने इस मामले में खुद को अपमानित महसूस किया है। उनका कहना है कि सरकारी अधिकारी की गई यह टिप्पणी समाज को बांटने वाली है। उनका यह भी कहना है कि ऐसा बयान न सिर्फ महिलाओं के सम्मान का उल्लंघन है, बल्कि जातिवाद को बढ़ावा देने वाला है।
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