विवादित बयान पर आईएएस संतोष वर्मा को नोटिस, 7 दिन में मांगा जवाब

एमपी सरकार ने IAS संतोष वर्मा को उनके ब्राह्मण विरोधी बयान पर नोटिस जारी किया है। इस बयान से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई थी। वर्मा से 7 दिन में जवाब मांगा गया है, अन्यथा कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

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Ramanand Tiwari
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Photograph: (thesootr)

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BHOPAL.मध्यप्रदेश सरकार ने अजाक्स के नए अध्यक्ष संतोष वर्मा को उनके ब्राह्मण विरोधी बयान को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आईएएस संतोष वर्मा का बयान सामने आते ही प्रदेश की राजनीति में तेज हलचल मच गई थी। इसके साथ ही सूत्र की खबर पर मुहर लगी है। सूत्र ने सबसे पहले खबर को ब्रेक कर इस विवाद को उजागर करते हुए बताया था कि सरकार इस पर कड़ा कदम उठा सकती है। 

'द सूत्र' की रिपोर्ट ने बदल दिया माहौल

'द सूत्र' ने जो जानकारी सबसे पहले सार्वजनिक की, उसने प्रशासनिक हलकों में खलबली मचा दी। रिपोर्ट में साफ संकेत थे कि सरकार इस बयान को नजरअंदाज नहीं करेगी और वही हुआ।

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आखिर वर्मा ने कहा क्या था?

अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन में वर्मा के बयान ने सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक मंचों तक चर्चा तेज कर दी। इस टिप्पणी को समाज में अनावश्यक तनाव पैदा करने वाली बात माना गया। यही बयान पूरे विवाद का केंद्र बन गया।

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सरकार का ऐक्शन मोड: नोटिस जारी

विवाद गंभीर होते ही मध्य प्रदेश सरकार ने संतोष वर्मा को कारण बताओ नोटिस भेज दिया। नोटिस में कहा गया है कि उनका बयान सेवा आचरण और प्रशासनिक मर्यादा के पूर्ण विरुद्ध है।

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यह लिखा है नोटिस में

बयान को सामाजिक सौहार्द को प्रभावित करने वाला माना गया। यह अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 का उल्लंघन है। वर्मा को 7 दिन के भीतर अपना जवाब देना है। जवाब संतोषजनक न होने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। समय पर जवाब न मिलने की स्थिति में एकतरफा निर्णय लिया जा सकता है।

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प्रतिक्रियाओं की लहर

राजनीतिक माहौल में उबाल बयान सामने आते ही कई संगठनों और पार्टियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर बहस तेज हो गई। मामले ने पूरी तरह से राज्य की राजनीतिक हवा को नया मोड़ दे दिया।

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अब अगला कदम क्या होगा?

अब सबकी नजर संतोष वर्मा के लिखित जवाब पर है। उनका जवाब ही तय करेगा कि सरकार आगे कितना सख्त कदम उठाएगी। प्रशासनिक दायरे में भी यह नोटिस लगातार चर्चा में है।

सरकार का स्पष्ट संदेश

सरकार ने साफ कर दिया है कि किसी भी बयान से सामाजिक ताना-बाना प्रभावित होता है तो कार्रवाई तय है। 'द सूत्र' की शुरूआती ब्रेकिंग फिर एक बार सही साबित हुई। सरकारी एक्शन अब पूरी तरह आगे बढ़ चुका है।

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