IFS Officer Promotion Pendency : छत्तीसगढ़ की विष्णु सरकार में ब्यूरोक्रेसी के आगे किसी की नहीं चल रही। यहां तक कि कैबिनेट के फैसले को अफसर ठेंगा दिखा रहे हैं। 6 महीने पहले जिन आईएफएस अफसरों के प्रमोशन पर कैबिनेट ने मुहर लगाई हो वे आज तक नहीं हो पाए। वन मंत्री ने नोटशीट पर टीप तक लिख दी फिर भी अफसरों के कानों पर जू नहीं रेंगी। इन अफसरों के बिना प्रमोशन के ही रिटायरमेंट के सिलसिला शुरू हो गया है।
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यहां से वहां घूम रही फाइल
5 IFS अफसर ऐसे हैं, जो अपने प्रमोशन की बाट जोह रहे हैं। इनमें IFS सुनील मिश्रा, अरुण पांडेय, प्रेम कुमार, अनूप कुमार विश्वास और अलोक कटियार शामिल हैं। इनमें से अनूप कुमार विश्वास तो प्रमोशन का इंतजार करते करते रिटायर हो चुके हैं, वहीं अलोक कटियार और सुनील मिश्रा रिटायर होने वाले हैं। इन अफसरों की प्रमोशन की फाइल इस टेबल से उस टेबल पर घूम रही है।
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इस पद पर होगा प्रमोशन
जो 5 IFS अफसरों प्रमोशन की राह देख रहे हैं, उन्हें APCCF बनाया जाना है, लेकिन विभाग के मुखिया याने PCCF वी. श्रीनिवास राव की तरफ से इनके प्रमोशन को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। अब ऐसा क्यों हो रहा, इसका जवाब किसी के पास नहीं हैं। हां, इसकी चर्चा जरूर है।
कैबिनेट के फैसले को ठेंगा
जब कैबिनेट कोई फैसला करती है तो उसका क्रियान्वयन तत्काल होता है। लेकिन ये छत्तीसगढ़ की ब्यूरोक्रेसी है जो सरकार के फैसले को भी ताक पर रख देती है। छत्तीसगढ़ में केदार कश्यप वन विभाग के मंत्री हैं और उनकी अनुशंसा पर ही विभाग के बारे में कोई फैसला मंत्रिमंडल करता है। विभाग के 5 अफसरों की पदोन्नति की फाइल भी मंत्री केदार कश्यप से होते हुए कैबिनेट तक गई और पिछले वर्ष जुलाई महीने में हुई बैठक में इस पर मुहर लग गई।
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अब जब कैबिनेट ने इसे पारित कर दिया तब विभाग के मुखिया याने PCCF की यह जिम्मेदारी होती है कि वह समय पर सारी प्रक्रिया पूरी करके आदेश जारी करें, लेकिन यह फाइल पिछले 6 महीने से इस टेबल से उस टेबल पर घूम रही है। सूत्र बताते हैं कि वनमंत्री ने पदोन्नति संबंधी नोटशीट पर नियमों का पालन करते हुए समय पर आदेश जारी करने के लिए टीप लिखी है। इसके बाद भी फाइल दबाकर रखी गई है।
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