IIT भिलाई के छात्रों को अब मिलेगा इंटरनेशनल रिसर्च का मौका, जर्मनी की संस्था उठाएगी पूरा खर्च

IIT भिलाई के छात्रों के लिए विदेश में रिसर्च करने का सपना अब हकीकत बनने जा रहा है। IIT भिलाई और जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस के बीच हुए समझौते के बाद छात्रों को जर्मनी में स्कॉलरशिप, रिसर्च लैब और फंडिंग की सुविधा मिलेगी।

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Harrison Masih
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Bhilai. छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में स्थित IIT भिलाई के छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए अब अंतरराष्ट्रीय रिसर्च के नए रास्ते खुल गए हैं। IIT भिलाई और जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस (DAAD - German Academic Exchange Service) के बीच हुए एक अहम एमओयू (समझौते) के तहत अब जर्मनी छात्रों को फंडिंग, रिसर्च लैब की सुविधाएं, और वैज्ञानिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा।

दिल्ली में हुआ समझौता समारोह

यह एमओयू दिल्ली स्थित जर्मन एंबेसी में हुआ, जिसमें IIT भिलाई के निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश और DAAD के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल डॉ. माइकल हार्म्स मौजूद रहे। दोनों संस्थाओं ने कहा कि यह साझेदारी भारत और जर्मनी के बीच शैक्षणिक और वैज्ञानिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।

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छात्रों को मिलेगा जर्मनी में पढ़ाई और रिसर्च का मौका

इस समझौते (IIT Bhilai and DAAD MOU) के तहत IIT भिलाई के विद्यार्थी अब जर्मनी में स्कॉलरशिप लेकर उच्च शिक्षा और रिसर्च प्रोजेक्ट्स कर सकेंगे। जर्मनी की DAAD संस्था छात्रों को स्कॉलरशिप, फंडिंग, विश्वस्तरीय प्रयोगशाला (लैब) सुविधाएं, और वैज्ञानिक प्रशिक्षण (Scientific Training) प्रदान करेगी।

IIT भिलाई के छात्र ने पहले ही दिखाया रास्ता

IIT भिलाई के छात्र शास्वत जायसवाल को पहले ही DAAD स्कॉलरशिप मिल चुकी है। उन्होंने जर्मनी में समर रिसर्च प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरा किया था। उनकी स्टडी, रिसर्च और आवास की पूरी व्यवस्था जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस ने की थी। अब यह समझौता अन्य छात्रों के लिए भी ऐसे ही अवसरों का रास्ता खोलेगा।

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जर्मनी करेगा रिसर्च फंडिंग

समझौते के अनुसार, अब IIT भिलाई के फैकल्टी और विद्यार्थी दोनों को जर्मनी में रिसर्च के लिए आमंत्रित किया जाएगा। DAAD उनकी रिसर्च फंडिंग करेगा, संयुक्त रिसर्च प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देगा, और अकादमिक व वैज्ञानिक एक्सचेंज प्रोग्राम्स को मजबूत करेगा।

IIT भिलाई निदेशक बोले — रिसर्च का दायरा बढ़ेगा कई गुना

IIT Bhilai के निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश ने कहा- “यह एमओयू हमारे विद्यार्थियों और फैकल्टी के रिसर्च के दायरे को कई गुना बढ़ा देगा। जर्मनी की ओर से फंडिंग और सुविधाएं मिलने से हमारे शोध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बनाएंगे।”

उन्होंने बताया कि आने वाले महीनों में संयुक्त प्रोजेक्ट्स, रिसर्च वर्कशॉप्स और फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम्स भी शुरू किए जाएंगे।

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क्यों अहम है यह साझेदारी?

  • IIT भिलाई अब जर्मनी के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से जुड़ सकेगा।
  • छात्रों को यूरोप में रिसर्च और नौकरी के अवसर बढ़ेंगे।
  • जर्मनी और भारत के बीच विज्ञान, तकनीक और शिक्षा में गहरा सहयोग होगा।
  • IIT भिलाई देश के उभरते टेक्निकल संस्थानों में अपनी वैश्विक पहचान बनाएगा।
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