राजिम में अवैध मुरुम खनन का खेल, प्रशासन खामोश

छत्तीसगढ़ के राजिम के फिंगेश्वर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत चैतरा में रवेली मार्ग के किनारे अवैध मुरुम खनन जोरों पर है। यह बेरोकटोक चल रही है। अवैध खनन के कारण यहां बने गहरे गड्ढे गांववासियों और बच्चों के लिए खतरा बने हुए हैं।

author-image
Krishna Kumar Sikander
New Update
Illegal sand mining in Rajim, administration silent the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ के राजिम के फिंगेश्वर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत चैतरा में रवेली मार्ग के किनारे अवैध मुरुम खनन जोरों पर है। यह गैरकानूनी गतिविधि प्रशासन की नाक के नीचे बेरोकटोक चल रही है। शशि ट्रांसपोर्ट राजिम की हाईवा गाड़ियों और जेसीबी मशीनों के जरिए मुरुम की अवैध खुदाई और परिवहन हो रहा है, जिससे शासन को लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं, अवैध खनन के कारण यहां बने गहरे गड्ढे गांववासियों और बच्चों के लिए खतरा बने हुए हैं।

ये खबर भी पढ़ें... नक्सल क्षेत्र की बेटी बनी इंटरनेशनल चैंपियन, वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग में जीता कांस्य

सरपंच पति की दबंगई, खनन माफिया का संरक्षक

मौके पर मौजूद चैतरा के सरपंच पति रवि साहू ने खुद को जमीन का मालिक बताकर खनन कार्य को जायज ठहराने की कोशिश की। हालांकि, ठेकेदार के नाम पूछे जाने पर वे अनजान बने रहे। इसके बावजूद, वे खुलेआम अवैध खनन को अंजाम देते दिखे। रवि साहू का बयान, “सरपंच पर कार्रवाई करवा दो, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता,” उनकी बेखौफ मानसिकता को दर्शाता है। 

ये खबर भी पढ़ें... 4456 शिक्षकों की नई तैनाती, 166 स्कूलों का होगा समायोजन

जानलेवा गड्ढों का खतरा

अवैध खनन के कारण रवेली-चैतरा मार्ग पर 10 से 15 फीट गहरे गड्ढे बन चुके हैं। बारिश के मौसम में ये गड्ढे पानी से भरकर मौत के कुएं बन सकते हैं, जिससे स्कूली बच्चों और मवेशियों की जान को गंभीर खतरा है। ग्रामीणों का कहना है कि ये गड्ढे किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहे हैं।

ये खबर भी पढ़ें... मेडिकल कॉलेज में 150 संविदा पदों पर भर्ती

नशे में ड्राइवर, पत्रकारों से बदसलूकी

खनन स्थल पर एक हाईवा ड्राइवर नशे में धुत मिला, जो शराब और मांस के साथ मौके पर मौजूद था। उसने पत्रकारों से अभद्रता की और बेशर्मी से कहा, “दो बोतल पीकर भी गाड़ी चला लूंगा, किसी को क्या?” जब पुलिस और SDM को सूचना दी गई, तो ड्राइवर और जेसीबी ऑपरेटर मौके से फरार हो गए। 

ये खबर भी पढ़ें... शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का मामला हाईकोर्ट में, नियमों के उल्लंघन का आरोप

प्रशासन की निष्क्रियता

राजिम SDM विशाल महाराणा ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन देकर पटवारी और आरआई को भेजने की बात कही, लेकिन एक घंटे बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। फिंगेश्वर तहसीलदार अंजली खलखो ने भी वाहनों को पकड़ने का दावा किया, लेकिन खनन माफिया बिना किसी रुकावट के भाग निकले। प्रशासन की यह निष्क्रियता माफियाओं के हौसले बुलंद कर रही है।

पर्यावरण और जानमाल को खतरा

प्रशासन की लापरवाही के चलते मुरुम माफिया बेलगाम हो चुके हैं। अगर यही स्थिति रही, तो पर्यावरण को होने वाले नुकसान के साथ-साथ ग्रामीणों की जान भी खतरे में पड़ सकती है। अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन इस मामले में कब और कैसी कार्रवाई करता है, या यह अनदेखी का सिलसिला यूं ही चलता रहेगा।

 

 illegal | sand | mining | administration | silent

Chhattisgarh silent administration mining sand illegal