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फैमिली कोर्ट बिलासपुर ने एक मामले में ससुर को अपनी विधवा बहू और पोते को हर माह 3000 रुपए भरण-पोषण देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश 28 नवंबर 2023 को दिया था। ससुर ने इस आदेश के खिलाफ अपील की थी, हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। जूना बिलासपुर निवासी बुजुर्ग के बेटे का 17 अगस्त 2017 को निधन हो गया था।
उनकी बहू ने बिलासपुर के फैमिली कोर्ट में भरण पोषण की मांग करते हुए आवेदन लगाया था। बताया कि उसका विवाह 28 अप्रैल 2013 को हुआ था। विवाह के बाद बेटे का जन्म हुआ। पति की मृत्यु के बाद उसके और बेटे के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया। उसने आरोप लगाया कि ससुर ने उन्हें घर से निकाल दिया। वह अब अपने मायके में रह रही है।
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विधवा बहु और पोते का खर्चा ससुर को उठाना होगा
यह भी बताया कि उसने मार्च 2018 में अपने और बेटे के लिए भरण-पोषण की मांग की थी। साथ ही दुकान चलाने या मकान-दुकान का किराया देने की भी मांग की थी। कहा कि ससुर इलेक्ट्रिकल्स की दुकान चलाते हैं और मोटर बाइंडिंग व अन्य कार्य कर हर माह करीब 40,000 रुपए कमाते हैं। उनके पास गांव में कृषि भूमि भी है, जिससे अच्छी आय होती है। बहू ने 20,000 रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण की मांग की थी। फैमिली कोर्ट ने सुनवाई के बाद बहू और पोते को हर माह 3 हजार रुपए भरण पोषण देने के आदेश दिए थे।
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ससुर ने कहा- बीमार व्यक्ति हूं
आदेश के खिलाफ ससुर ने हाई कोर्ट में अपील की। बताया कि वह 75 वर्ष के बीमार व्यक्ति हैं। उनके पास कोई आय का स्रोत नहीं है। उनका बड़ा बेटा भी 10 वर्षों से अलग रह रहा है। उन्होंने कहा कि मृतक बेटे ने अपने जीवनकाल में खसरा क्रमांक 1651 और 1652 की जमीन खरीदी थी, जिसका बंटवारा हो चुका है। शेष 0.25 एकड़ भूमि उनके पास है। वहीं, उनके मृतक बेटे ने जुए में 1.5 लाख रुपए हारने के बाद संपत्ति बेच दी थी। इसलिए उनके पास मृतक पुत्र की कोई संपत्ति नहीं बची है।
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FAQ
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