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छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में कोरोना वायरस ने फिर से अपनी रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है, जिसने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं। पिछले 20 दिनों के भीतर जिले में कोरोना संक्रमण से तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सभी जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि मृतक पहले से ही गंभीर बीमारियों जैसे हृदय रोग, सांस की तकलीफ और उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे, और कोरोना ने उनकी स्थिति को और अधिक जटिल कर दिया।
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जिले में दो सक्रिय मरीज, बढ़ रही है सतर्कता
वर्तमान में राजनांदगांव जिले में दो सक्रिय कोरोना मरीज हैं, जो स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में हैं। हालांकि सक्रिय मरीजों की संख्या कम है, लेकिन हाल के दिनों में हुई मौतों और देशभर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। जिला प्रशासन ने बढ़ते संक्रमण की आशंका को देखते हुए एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस संबंध में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग, जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
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अस्पतालों में विशेष वार्ड और संसाधनों की तैयारी
बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कोरोना मरीजों के लिए अलग से वार्ड स्थापित करें, ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को तुरंत भर्ती किया जा सके। इसके साथ ही, अस्पतालों को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवाइयों और अन्य जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग को भी कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने और संदिग्ध मरीजों की तत्काल जांच शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। लखोली वार्ड में हाल ही में एक नए कोरोना पॉजिटिव मरीज की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस क्षेत्र में डोर-टू-डोर सर्वे शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम, जिसमें डॉ. बीएल तुलावी, डॉ. सतीश मेश्राम, अखिलेश नारायण, कौशल शर्मा, रेणुका बत्रा और चंद्रमणि चंदेल शामिल हैं, घर-घर जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण वाले लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं, ताकि संक्रमण को शुरुआती स्तर पर ही नियंत्रित किया जा सके।
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मृतकों की स्थिति और कोविड प्रोटोकॉल
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिन तीन मरीजों की मौत हुई, वे सभी 50 वर्ष से अधिक आयु के थे और पहले से ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। इनमें से एक 86 वर्षीय बुजुर्ग की मौत 16 जून को रायपुर के एक निजी अस्पताल में हुई थी, जहां वे डायलिसिस के लिए भर्ती थे। उनकी जांच में कोविड-19 का नया वेरिएंट JN.1 पाया गया था। दूसरी मौत लखोली निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति की थी, जो हृदय रोग और उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे। तीसरी मौत भी हाल ही में दर्ज की गई, जिसमें मरीज को सांस लेने में तकलीफ और अन्य गंभीर बीमारियां थीं। सभी मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया।
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सतर्कता बरतें, लक्षण दिखने पर जांच कराएं
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने लोगों से अपील की है कि वे सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराएं। उन्होंने यह भी सलाह दी है कि लोग मास्क का उपयोग करें, सामाजिक दूरी बनाए रखें और भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें। स्वास्थ्य विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि जिले में जितने भी मरीज सामने आए हैं, उनमें से अधिकांश 50 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और उन्हें पहले से अन्य स्वास्थ्य समस्याएं थीं।
छत्तीसगढ़ में कोरोना की स्थिति
छत्तीसगढ़ में कोरोना का प्रसार तेजी से बढ़ रहा है और यह अब 11 जिलों में फैल चुका है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक 172 कोविड मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 82 मामले अकेले रायपुर से और 38 बिलासपुर से हैं। वर्तमान में 62 सक्रिय मामले हैं, जिनमें 50 मरीज होम आइसोलेशन में और 12 अस्पताल में भर्ती हैं। राजनांदगांव में हाल के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि जिले में एक सप्ताह के भीतर दो मौतें दर्ज की गई थीं।
प्रशासन का अलर्ट मोड और भविष्य की रणनीति
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। कलेक्टर डॉ. भुरे ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे संदिग्ध मरीजों के संपर्क में आए लोगों की तत्काल जांच करें और पॉजिटिव मरीजों के परिजनों को होम आइसोलेशन में रखें। इसके अलावा, जिले में कोविड टेस्टिंग को बढ़ाने और जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, बल्कि सतर्कता बरतें। विभाग का कहना है कि स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन अगर लोग लापरवाही बरतेंगे तो मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी अस्पतालों में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां पूरी हैं।
मौतों ने एक बार फिर चेतावनी दी
राजनांदगांव में कोरोना के बढ़ते मामलों और हाल की मौतों ने एक बार फिर यह चेतावनी दी है कि महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की सतर्कता और समय पर उठाए गए कदम स्थिति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आम जनता से भी अपेक्षा है कि वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें और स्वास्थ्य विभाग की सलाह को गंभीरता से लें, ताकि इस चुनौती से मिलकर निपटा जा सके।
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