इंदौर के कौटिल्य एकेडमी ने की लाखों की ठगी, संचालक पर FIR
अब तक सरकारी नौकरी के नाम पर शातिर ठग युवाओं को जाल में फंसा रहे थे लेकिन, अब सरकारी नौकरी की तौयारी करवाने वाले मशहूर एकेडमी ने एक दर्जन छात्रों से लाखों की ठगी कर ली।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। अब तक सरकारी नौकरी के नाम पर शातिर ठग युवाओं को जाल में फंसा रहे थे लेकिन,अब सरकारी नौकरी की तौयारी करवाने वाले मशहूर एकेडमी ने एक दर्जन छात्रों से लाखों की ठगी कर ली। इंदौर के कौटिल्य एकेडमी ने सरकारी नौकरी का झांसा देकर कई छात्रों से पैसे वसूल लिए।
कौटिल्य एकेडमी ने यूपीएस, पीएससी, व्यापमं की भर्ती परीक्षा में पास कराने और नौकरी पक्की करवाने के नाम पर छात्रों से 21 लाख रुपए वसूल लिए। मामले में छात्रों ने बताया कि डायरेक्टर ने खुद छात्रों से पैसा लिया है। कई छात्रों से पैसा वसूलने के बाद वह कोचिंग सेंटर में ताला लगाकर फरार हो गया। पिछले कई दिनों से छात्र कोचिंग के चक्कर काट रहे हैं।
जब कई दिनों तक कोचिंग सेंटर में ताला लगा हुआ मिला तो छात्रों को ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद छात्र कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर के खिलाफ शिकायत करने थाने पहुंचे। छात्रों की शिकायत के बाद पुलिस ने डायरेक्टर के खिलाफ ठगी का अपराध दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। कार्रवाई में खुलासा हुआ कि डायरेक्टर ने कोचिंग सेंटर में काम करने वाले कई लोगों को सैलरी भी नहीं दी।
मामले में पुलिस ने खुलासा किया कि पवन तांडेश्वर और रूबी मजूमदार ने जीई रोड डंगनिया इलाके में कौटिल्य एकेडमी के नाम से कोचिंग सेंटर खोला था। कोचिंग में यूपीएससी, पीएससी और व्यापमं की भर्तियों की तैयारी करवाई जाती थी। कोचिंग के डायरेक्टर का दावा था कि उनकी संस्थान से कई छात्र आईएएस, डिप्टी कलेक्टर और आईपीएस निकले हैं। वह छात्रों को अच्छे नोट्स देकर परीक्षा में सफल करने का दावा करती थी।
इससे प्रभावित होकर कई बच्चों ने लाखों की फीस भरकर अपना एडमिशन करवा लिया। इसके बाद अक्टूबर में क्लास चालू करने का दावा किया था। जब छात्र अक्टूबर में कोचिंग पहुंचे तो ताला लगा हुआ मिला।
छात्रों से ठगी करने के मामले में कोचिंग सेंटर कौन चला रहा था?
पुलिस जांच में सामने आया है कि कौटिल्य एकेडमी के नाम से कोचिंग सेंटर पवन तांडेश्वर और रूबी मजूमदार चला रहे थे। उन्होंने सरकारी नौकरी की तैयारी करवाने और भर्ती में सफल कराने के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये वसूल किए।
ठगी का मामला कब उजागर हुआ और छात्रों ने क्या कार्रवाई की?
ठगी का मामला तब उजागर हुआ जब अक्टूबर में छात्रों ने कोचिंग सेंटर जाकर देखा कि वहां ताला लगा हुआ है। इसके बाद, छात्रों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर और अन्य संबंधित लोगों के खिलाफ ठगी का अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
कोचिंग सेंटर ठगी के लिए छात्रों को कैसे आकर्षित करता था?
कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर ने यह दावा किया था कि उनकी अकादमी से कई छात्र आईएएस, आईपीएस और डिप्टी कलेक्टर बने हैं। उन्होंने छात्रों को परीक्षा में सफलता दिलाने के लिए विशेष नोट्स और ट्रेनिंग देने का आश्वासन देकर फीस ली।