छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं पर महंगाई की मार, बिल बढ़ने का डर

छत्तीसगढ़ के 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर अब और बोझ पड़ने वाला है। इस महीने से बिजली बिल में फिर से FPPASका अतिरिक्त शुल्क जुड़ गया है। इससे बिजली बिल बढ़कर आएगा। इसके अतिरिक्त आगामी वित्तीय वर्ष के लिए दरें बढ़ाने का भी प्रस्ताव आया है।

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Krishna Kumar Sikander
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छत्तीसगढ़ के 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर अब और बोझ पड़ने वाला है। इस महीने से बिजली बिल में फिर से फ्यूल पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (FPPAS)का अतिरिक्त शुल्क जुड़ गया है। इससे बिजली बिल बढ़कर आएगा। इसके अतिरिक्त आगामी वित्तीय वर्ष (2025-26) के लिए दरें बढ़ाने का भी प्रस्ताव आया है। अभी इस पर राज्य विद्युत नियामक आयोग को अंतिम फैसला लेना है।

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बिल में 12.61% तक की आई थी कमी 

पिछले साल अप्रैल में उपभोक्ताओं को इस FPPAS शुल्क से राहत मिली थी, क्योंकि एनटीपीसी लारा से ली गई बिजली का पुराना बकाया खत्म हो गया था। इससे बिल में 12.61% तक की कमी आई थी। लेकिन अब मई 2025 के बिल में यह राहत खत्म हो गई है। अब 7.32% FPPAS शुल्क के हिसाब से अतिरिक्त राशि जोड़ी जा रही है। 

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शुल्क बढ़ या कम भी हो सकता है

ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि यह शुल्क बिजली बनाने की लागत के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। यानी, आने वाले महीनों में यह शुल्क बढ़ भी सकता है या कम भी हो सकता है। पहले वेरिएबल कॉस्ट एडजस्टमेंट (VCA) नाम का शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब अप्रैल 2023 से FPPAS फॉर्मूला लागू है। यह बिजली उत्पादन की लागत पर आधारित है और तब से हर महीने उपभोक्ताओं को यह शुल्क देना पड़ रहा है। अप्रैल 2024 में पहली बार राहत मिली थी, लेकिन अब लागत बढ़ने से यह फिर से लग गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक लागत में अंतर रहेगा, यह शुल्क उपभोक्ताओं की जेब ढीली करता रहेगा।

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कंपनी चाहती हैं बिजली की दरें बढ़ाना

छत्तीसगढ़ पॉवर कंपनी ने नए टैरिफ प्रस्ताव दिया है। कंपनी को यह अनुमान है कि 2025-26 में वह 24,652 करोड़ की बिजली बेचेगी। हालांकि इस पर 23,082 करोड़ रुपये तक का खर्च भी रहेगा। इससे 1,570 करोड़ रुपये का मुनाफा होगा। लेकिन 2023-24 में कंपनी को 6,130 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इस घाटे को कम करने के लिए कंपनी बिजली की दरें बढ़ाना चाहती है। नियामक आयोग जल्द ही इस पर फैसला लेगा, लेकिन ऐसा लग रहा है कि बिजली और महंगी होना तय है।
सीधे शब्दों में कहें तो छत्तीसगढ़ के लोगों को अब ज्यादा बिजली बिल चुकाना होगा, और अगले साल से बिजली की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।

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