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छत्तीसगढ़ की एक युवती ने पहलगाम हमले के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई पर सोशल मीडिया में पाकिस्तान के पक्ष सेना पर सवाल के उठाने के बाद मचा बवाल अभी शांत भी नहीं हुआ था कि श्री शंकराचार्य इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, भिलाई में यूरोलोजिस्ट डॉ. शिवेंद्र सिंह तिवारी के सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट ने विवाद खड़ा कर दिया है।
पहलगाम हमले के बाद भारत के राजनीतिक बयानों पर की गई उनकी पोस्ट को गैरजिम्मेदाराना और संवेदनशीलता के खिलाफ माना गया, जिसके चलते कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें 15 दिनों के लिए निलंबित कर शोकॉज नोटिस जारी किया है।
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रजिस्ट्रार और कॉलेज प्रशासन से शिकायत
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पहलगाम हमले पर पोस्ट के वायरल होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के वरिष्ठ सदस्यों ने कड़ा रुख अपनाते हुए रजिस्ट्रार और कॉलेज प्रशासन से शिकायत की। आईएमए ने डॉक्टर को एथिक्स कमेटी के समक्ष जवाब देने की मांग की। मामला प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंचने के बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। एमसीआई ने कॉलेज प्रबंधन को जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं, जिसके आधार पर डॉक्टर के खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी।
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पेशे की गरिमा और नैतिकता पर सवाल
पहलगाम हमले पर डॉ. तिवारी का यह कृत्य मेडिकल पेशे की गरिमा और नैतिकता पर सवाल उठाता है। सोशल मीडिया पर ऐसी संवेदनशील टिप्पणी न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि को धूमिल करती है, बल्कि संस्थान और चिकित्सा समुदाय की विश्वसनीयता को भी प्रभावित करती है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद इस मामले में और सख्त कदम उठाए जाने की संभावना है।
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