सौम्या के करीबी ने 50 करोड़ का खेल खेला, जयचंद ने कमाए 10 करोड़,EOW की कार्रवाई में बड़े खुलासे

छत्तीसगढ़ शराब और कोल-लेवी घोटाले में सामने आया नया खुलासा। जयचंद कोसले ने सौम्या चौरसिया के लिए कोल-लेवी का 50 करोड़ का निवेश मैनेज किया, जबकि खुद को 10 करोड़ से अधिक का लाभ हुआ।

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Harrison Masih
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EOW Investigation coal and liquor scam: छत्तीसगढ़ सहित तीन राज्यों में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने रविवार को शराब घोटाले और अवैध कोल लेवी मामले में बड़ी कार्रवाई की। अलग-अलग मामलों में ब्यूरो ने छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में कई ठिकानों पर तलाशी ली और महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल सामग्री तथा नगद रकम जब्त की।

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कार्रवाई में शामिल प्रमुख नाम

शराब घोटाले के मामले में EOW ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पीए जयचंद कोसले और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी व्यापारी अवधेश यादव समेत जुड़े अन्य लोगों के ठिकानों पर दबिश दी। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ में 3, झारखंड में 2 और बिहार में 2 ठिकानों पर छापा मारा गया।

जयचंद कोसले: पूर्व IAS सौम्या चौरसिया के करीबी और पूर्व सीएम के निजी सचिव।

अवधेश यादव: बस्तर के सात जिलों में शराब कारोबार संचालित करने वाला व्यापारी, जो ओवररेट शराब बेचने, तस्करी और मिलावट के आरोप में जांच के दायरे में है।

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शराब घोटाले का विस्तार

ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया कि अवधेश यादव ने इस कारोबार से 200 करोड़ से ज्यादा का कमीशन कमाया। इसे उसने अपने पैतृक घर पलामू और ससुराल औरंगाबाद में निवेश किया। अवधेश ने बस्तर संभाग में आबकारी विभाग की ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी प्रभाव डाला और अधिकारियों की नियुक्ति अपनी मर्जी से कराई।

अवधेश ने ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से सस्ती शराब मंगाकर बस्तर में बेची। दुकानों में उसका कमीशन तय था और बिना होलोग्राम के भी शराब बिकती थी। अनुमान है कि उसने 300 करोड़ से ज्यादा का घोटाला किया।

जयचंद कोसले और सौम्या चौरसिया का लिंक

जांच में यह भी सामने आया कि अवैध कोयला लेवी से मिलने वाला पैसा जयचंद के जरिए पूर्व सीएम की उप सचिव सौम्या चौरसिया (Saumya Charasia) तक जाता था। जयचंद ने सौम्या का लगभग 50 करोड़ का निवेश किया और खुद भी 10 करोड़ से अधिक की कमाई हुई। रायपुर और अकलतरा में उसके आलीशान मकान और करोड़ों की संपत्ति हैं।

जयचंद नगर निगम में काम करता था और सौम्या के निज सहायक के तौर पर कार्यरत रहा। सौम्या जब निगम आयुक्त बनीं तब भी जयचंद उनके ऑफिस से जुड़े पूरे काम देखता था।

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रिटायर्ड IAS निरंजन दास की गिरफ्तारी

शराब घोटाला केस में 2 दिन पहले रिटायर्ड IAS निरंजन दास को EOW ने गिरफ्तार किया। निरंजन पर सिंडिकेट ऑपरेट करने में अहम भूमिका निभाने का आरोप है। इस सिंडिकेट में पूर्व IAS अनिल टुटेजा, तत्कालीन विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर और अन्य शामिल थे।

सिंडिकेट ने सरकारी शराब दुकानों में कमीशन तय करना, अतिरिक्त शराब बनवाना, विदेशी ब्रांड की अवैध सप्लाई और डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए शराब बेचना जैसी गतिविधियों से राज्य सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान पहुँचाया।

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अवधेश यादव का संचालन क्षेत्र

अवधेश यादव बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिलों की शराब दुकानों का संचालन करता था। इसके अलावा झारखंड और बिहार से रिश्तेदार लेकर उन्हें दुकानों में काम पर लगाया जाता था।

EOW की कार्रवाई का महत्व

इस कार्रवाई से शराब घोटाले और अवैध कोल लेवी मामले में जुड़े बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है। जांच एजेंसी ने मामले की गहनता से पड़ताल शुरू कर दी है और अभी और भी खुलासे होने की संभावना है।

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