Journalist Mukesh Chandrakar murder accused Suresh Chandrakar : छत्तीसगढ़ में बीजापुर के जांबाज पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में 3 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। आरोप है कि मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर और उसके भाई रितेश चंद्राकर ने मिलकर मुकेश की हत्या की है।
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रमन सरकार में बना था स्पेशल पुलिस ऑफिसर
साल 2005 में रमन सरकार द्वारा सलवा जुडूम आंदोलन के खिलाफ बनाए गए स्पेशल पुलिस ऑफिसर ( SPO ) के तहत बस्तर के युवाओं की भर्ती की गई थी। इसमें सुरेश भी एसपीओ बना था। स्पेशन पुलिस ऑफिसर का काम सरकार ओर पुलिस को सूचनाएं देने के साथ सहयोग करना था। इसके बाद सुरेश चंद्राकर ने ठेकेदारी का काम शुरू किया। वह 10 वीं फेल है।
स्थानीय पत्रकारों के अनुसार बस्तर में ही सुरेश PWD के जरिए सड़क, भवन आदि कंस्ट्रक्शन का काम करता था। कथित भ्रष्टाचार के जरिए कम समय में सुरेश ने करोड़ों का एम्पायर खड़ा कर लिया।
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यह सड़क बनी हत्या का कारण!
स्थानीय पत्रकारों के अनुसार मुकेश चंद्राकर ने दिसंबर माह में बीजापुर जिले की एक सड़क में हुए भ्रष्टाचार को लेकर खबर की थी। यह सड़क गंगालूर से नेलसनार तक बनाई जा रही थी। 52.40 किलोमीटर की इस सड़क में हुए भ्रष्टाचार को जब मुकेश ने उजागर करते हुए बताया कि इसकी लागत पूर्व में 56 करोड़ थी, उसे रिटेंडर किए जाने के बाद लगभग 120 करोड़ तक लागत बढ़ा दी गई।
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एक जनवरी से लापता थे पत्रकार चंद्राकर
मुकेश चंद्रकार बीजापुर में पिछले कई सालों से पत्रकारिता कर रहे थे। वे 1 जनवरी की शाम टी-शर्ट और शॉर्ट्स में ही घर से बाहर निकले थे। कुछ देर के बाद उनका फोन बंद हो गया। जब रात तक घर नहीं लौटे तो उनके भाई और पत्रकार युकेश चंद्रकार ने करीबियों के घर, शहर में अलग-अलग जगह पता लगाया, लेकिन मुकेश चंद्राकर की कोई खबर नहीं मिली। इसके बाद भाई युकेश चंद्रकार ने पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।शुक्रवार दोपहर मुकेश की लाश एक ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में सेप्टिक टैंक के अंदर मिली। लाश काफी फूल चुकी थी, उनके कपड़ों से पहचान की गई है।
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