/sootr/media/media_files/2025/01/19/L8InZdEZfrpeWZCh1fEY.jpg)
Judge Akanksha Bhardwaj dismissed : छत्तीसगढ़ के महासमुंद में पदस्थ जज को बर्खास्त कर दिया गया है। कनिष्ठ न्यायिक सेवा अधिकारी आकांक्षा भारद्वाज की बर्खास्तगी के आदेश विधि एवं विधायी विभाग की ओर से जारी किए गए हैं। इसके लिए हाईकोर्ट की ओर से अनुशंसा की गई थी।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने ही भारद्वाज ने सिंगल बेंच में अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ दायर मुकदमा जीता था। इसके बाद फिर से जज की कुर्सी हासिल की थी। आकांक्षा भारद्वाज को सात साल पहले बर्खास्त कर दिया गया था।
76 जवानों की जान लेने वाला नक्सली हिड़मा, 2000 जवानों को चकमा दे गया
2012-13 में बनी थीं सिविल जज
जानकारी के अनुसार आकांक्षा भारद्वाज का 2012-13 में सिविल जज (प्रवेश स्तर) के पद के लिए चयन हुआ था। इसके बाद उन्हें 12 दिसंबर 2013 को दो साल की परिवीक्षा पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने 27 दिसंबर 2013 को ज्वॉइन किया था। प्रशिक्षण के बाद अगस्त 2014 में उन्हें अंबिकापुर में प्रथम सिविल जज वर्ग-2 के पद का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया।
मिसेज यूनिवर्स बनी छत्तीसगढ़ की सुजैन, 121 देश की सुंदरियों को पछाड़ा
इस पदस्थापना के दौरान उनका आरोप था कि जब वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों से न्यायिक मामलों में मार्गदर्शन लेने जाती थीं, तो उनका व्यवहार अनुचित होता था। इसके बाद उन्होंने उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी। लंबी कानूनी प्रक्रिया चलने के बाद अब फिर 14 जनवरी को अतिरिक्त सचिव दीपक कुमार देशलहरे ने उनकी सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया है। 6 जनवरी 2025 को हाई कोर्ट ने उनकी सेवा समाप्त करने की अनुशंसा की थी, जिस पर विधि एवं विधायी विभाग ने अंतिम आदेश जारी किया।
हमास की तरह नक्सली हिड़मा ने बनाया बंकर, यहां बनता था बम और बंदूक