जैसे-जैसे धान खरीदी खत्म होने का समय करीब आ रहा है, केंद्रों में अलग-अलग तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। अब बेचने के लिए धान नहीं होने या कम होने के मामले सामने आए हैं।
जैसे-जैसे धान खरीदी खत्म होने का समय करीब आ रहा है, केंद्रों में अलग-अलग तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। अब बेचने के लिए धान नहीं होने या कम होने के मामले सामने आए हैं। कम धान बेचने के बावजूद ज्यादा का टोकन किसानों ने कटवा लिए थे। अधिकारियों ने किसानों से रकबा समर्पण कराया है। यदि इसका खुलासा नहीं होता, तो बिचौलियों के माध्यम से इतना धान खपा दिया गया होता।
बेलगहना तहसील के मंझगवां में किसान जाहितर सिंह पिता भीखनू का टोकन 20 जनवरी के लिए कटा था। वह इतना धान केंदा खरीदी केंद्र में बेचने वाला था, लेकिन उसके पास धान ही नहीं मिला। किसान से रकबा समर्पण के लिए केंदा के प्रबंधक को निर्देश दिया गया है।
निवासी रवि ग्राम प्रकाश पिता विभीषण ने 20 जनवरी को 300 क्विंटल धान बेचने के लिए टोकन कटाया था, उसके पास भी बेचने के लिए धान नहीं मिला। किसान से रकबा समर्पण के लिए सेवा सहकारी समिति केंदा के प्रबंधक को निर्देश दिया गया है।
कोटा एसडीएम ने जब्त किया पुराना व खराब धान
कोटा एसडीएम एसएस दुबे ने धान उपार्जन केंद्र पीपरतराई का निरीक्षण किया। मौके पर उपस्थित कृषक रम्हाई पिता खोरबहरा के 59 बोरी धान लेकर आया था। जांच में पता चला कि वह धान पुराना होने के साथ ही खराब क्वॉलिटी का भी है। एसडीएम ने धान को जब्त कर समिति प्रबंधक को सौंपा। उन्हें 31 जनवरी के बाद धान किसान को वापस देने के निर्देश दिए।
किसानों ने अधिक धान का टोकन क्यों कटवाया था, जबकि उनके पास पर्याप्त धान नहीं था?
किसानों ने बिचौलियों के माध्यम से अधिक धान का टोकन कटवाया था, ताकि वे कम धान के बावजूद ज्यादा धान की बिक्री कर सकें। अधिकारियों ने इस मामले में रकबा समर्पण कराकर इसका खुलासा किया।
बेलगहना तहसील के मंझगवां में किसान जाहितर सिंह के पास धान क्यों नहीं था?
किसान जाहितर सिंह के पास 20 जनवरी को बेचने के लिए धान नहीं था, जिसके कारण उसे रकबा समर्पण के लिए निर्देश दिया गया और टोकन कटवाने के बाद उसे धान नहीं मिल पाया।
कोटा एसडीएम ने किस प्रकार का धान जब्त किया और क्यों?
कोटा एसडीएम ने धान उपार्जन केंद्र पीपरतराई में कृषक रम्हाई द्वारा लाए गए 59 बोरी धान को जब्त किया, क्योंकि वह धान पुराना और खराब क्वालिटी का था। एसडीएम ने इसे समिति प्रबंधक को सौंपकर 31 जनवरी के बाद किसान को वापस करने के निर्देश दिए।