हमास की तरह नक्सली हिड़मा ने बनाया बंकर, यहां बनता था बम और बंदूक
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने बड़ा खुलासा किया है। हमास की तरह ही नक्सली भी सुरंग खोदकर हथियार बना रह थे। इस सुरंग के अंदर नक्सली देसी बंदूक और बम बनाते थे।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने बड़ा खुलासा किया है। हमास की तरह ही नक्सली भी सुरंग खोदकर हथियार बना रह थे। इस सुरंग के अंदर नक्सली देसी बंदूक और बम बनाते थे। इस सुरंग का खुलासा सुरक्षाबलों के सुकमा के घने जंगल के बीच किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली थी कि सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के बॉर्डर के जंगल में नक्सली लीडर हिड़मा और देवा अपनी पूरी बटालियन के साथ मौजूद हैं।
जब यह सूचना जवानों को मिली तो नक्सलियों को घेरने के लिए तीन जिलों के 1500 से 2000 जवान सर्च ऑपरेशन के लिए जंगल की ओर निकले थे। इस दौरान जवानों ने जंगल में यह बंकर होने का खुलासा किया। इस बंकर को डीआरजी के जवानों ने ध्वस्त कर दिया है। सर्च ऑपरेशन के लिए जवान नक्सलियों के कोर इलाके तुमलेर और तलपेरु नदी के पास पहुंचे थे।
इस दौरान जवानों की नजर नक्सलियों के बनाए गए बंकर पर पड़ी। बंकर की सीढ़ी को नक्सली लकड़ियों के झाड़ियों से ढककर रखे थे। झाड़ियों को हटाने के बाद जवान अंदर घुसे। नक्सलियों ने जमीन के अंदर ही करीब 10 फीट गहरा और 12 से 14 फीट चौड़ा बंकर बनाया था। ऊपर लकड़ी रखकर उसे मिट्टी और पत्तों से इस तरह ढका हुआ था कि यदि कोई ऊपर से कोई चला भी जाए तो उसे पता ही नहीं चल पाए।
इस सुरंग के अंदर नक्सलियों ने बम और बंदूक बनाने का सामान रखा था। यह बंकर नक्सलियों की हथियार और बम बनाने की फैक्ट्री थी। मिली जानकारी के मुताबिक जवानों ने सामान को बरामद बंकर को ध्वस्त कर दिया है। जवानों ने बताया कि यह बंकर इतना बड़ा था कि इसके अंदर 80 से 90 नक्सली आराम से छिप सकते थे।
FAQ
यह नक्सली बंकर कहाँ मिला था?
यह बंकर छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के घने जंगल में मिला था, जो सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के बॉर्डर के पास स्थित था।
इस बंकर के अंदर नक्सलियों द्वारा क्या गतिविधियाँ की जाती थीं?
इस बंकर के अंदर नक्सली देसी बंदूक और बम बनाने का सामान रखते थे, और यह नक्सलियों की हथियार और बम बनाने की फैक्ट्री थी।
इस बंकर को ढूंढ़ने और ध्वस्त करने के लिए कितने जवानों ने ऑपरेशन में भाग लिया?
इस ऑपरेशन में 1500 से 2000 जवानों ने भाग लिया था, जो सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के जंगलों में सर्च ऑपरेशन कर रहे थे।