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Khairagarh gold smuggling case:छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले के गातापार पुलिस चेकिंग पॉइंट पर एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने शनिवार रात एक कार से 7 करोड़ 20 लाख रुपए मूल्य का करीब 10 किलो सोना जब्त किया, लेकिन मामला उजागर होने से पहले पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर कमीशन लेकर कार और सोना छोड़ दिया।
इस गंभीर लापरवाही के बाद खैरागढ़ एसपी लक्ष्य शर्मा ने थाना प्रभारी (टीआई), एसआई और एक प्रधान आरक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
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महाराष्ट्र से जंगल के रास्ते छत्तीसगढ़ पहुंचाया गया सोना
पुलिस जांच में पता चला कि यह सोना महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश होते हुए गातापार के जंगल मार्ग से छत्तीसगढ़ लाया जा रहा था। इसे रायपुर के एक व्यापारी तक पहुंचाने की योजना थी। कार को गातापार चेक पॉइंट पर पुलिस ने रोका और जांच के दौरान सीट से 10 किलो कच्चा सोना बरामद किया। कार में सवार लोगों के पास इस सोने से संबंधित कोई वैध दस्तावेज नहीं थे।
चेकिंग के दौरान हुआ ‘सेटलमेंट’
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने कार को लंबे समय तक रोके रखा और फिर उच्चाधिकारियों को सूचना दिए बिना मात्र 2 हजार रुपए का चालान काटकर गाड़ी छोड़ दी। बताया जा रहा है कि इस दौरान कुछ स्थानीय व्यापारी भी मौके पर पहुंचे थे। इस पूरे प्रकरण में भारी भरकम लेन-देन की आशंका जताई जा रही है।
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खैरागढ़ सोना तस्करी मामले की 5 मुख्य बातें:
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तीन पुलिसकर्मी निलंबित, जांच जारी
खैरागढ़ एसपी लक्ष्य शर्मा ने गातापार थाना प्रभारी आलोक साहू, एसआई नंदकिशोर वैष्णव और प्रधान आरक्षक तैजान ध्रुव को निलंबित कर दिया है। एसपी का कहना है कि मामले में विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और कार के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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बड़ा नेटवर्क होने की आशंका
पुलिस को शक है कि इस सोने की तस्करी में एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। जांच एजेंसियां इस बात की भी तहकीकात कर रही हैं कि बिना दस्तावेज इतने बड़े स्तर पर सोने की आवाजाही कैसे हो रही थी और पुलिसकर्मियों को इसके बदले कितनी रिश्वत दी गई।