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Korba. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। कटघोरा थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह भाजपा के वरिष्ठ नेता और ठेकेदार अक्षय गर्ग की बेरहमी से हत्या कर दी गई। तीन नकाबपोश हमलावरों ने दिनदहाड़े उन पर चाकू और कुल्हाड़ी से हमला किया।
इस वारदात के बाद पूरे जिले में तनाव व्याप्त है और स्थानीय व्यापारियों ने 'कोरबा बंद' का आह्वान किया है।
वारदात की पूरी जानकारी
घटना मंगलवार सुबह करीब 9 से 10 बजे के बीच की है। अक्षय गर्ग केशलपुर गांव में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के तहत बन रही सड़क का निरीक्षण करने पहुंचे थे।
अक्षय अभी साइट पर ही थे कि अचानक एक काले रंग की कार वहां रुकी। कार से उतरे 3 नकाबपोश हमलावरों ने अक्षय गर्ग को घेर लिया और कुल्हाड़ी व चाकू से ताबड़तोड़ वार शुरू कर दिए।
हमलावरों ने सिर, गर्दन, पेट और पीठ पर इतने गहरे वार किए कि अक्षय लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। वारदात के बाद आरोपी उसी काली कार में सवार होकर फरार हो गए। घटनास्थल पर खून ही खून बिखरा मिला।
कटघोरा के स्थानीय अस्पताल पहुंचने से पहले ही अधिक खून बहने के कारण उनकी मौत हो गई। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
ऐसे समझें पूरा मामला
कोरबा के वरिष्ठ भाजपा नेता अक्षय गर्ग की 3 हमलावरों ने चाकू और कुल्हाड़ी से हत्या कर दी। वारदात उस वक्त हुई जब अक्षय केशलपुर गांव में सड़क निर्माण का निरीक्षण कर रहे थे; हमलावर काले रंग की कार से आए थे। हमलावरों ने सिर, गर्दन और पेट पर इतने गहरे वार किए कि रास्ते में ही अक्षय ने दम तोड़ दिया। हत्या के विरोध में स्थानीय लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी गुस्सा है, कोरबा के बाजार बंद कर दिए गए हैं। पुलिस ने जिले भर में नाकेबंदी कर दी है और सभी पहलुओं से मामले की जांच की जा रही है। |
कौन थे अक्षय गर्ग?
अक्षय गर्ग इलाके के एक रसूखदार व्यक्तित्व थे। वे पूर्व में जनपद सदस्य रह चुके थे। भाजपा के सक्रिय और वरिष्ठ नेता के रूप में उनकी पहचान थी। वे एक प्रतिष्ठित सड़क निर्माण ठेकेदार भी थे और क्षेत्र में उनका काफी दबदबा था।
अस्पताल में भीड़ और बाजार बंद
हत्या की खबर मिलते ही कटघोरा अस्पताल के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई। स्थिति को बिगड़ता देख पुलिस ने अस्पताल और प्रमुख चौराहों पर भारी बल तैनात कर दिया है।
अक्षय गर्ग की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी हत्या के विरोध में स्थानीय दुकानदारों ने स्वतः स्फूर्त बंद का ऐलान कर दिया।
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आपसी रंजिश या राजनीतिक विवाद?
कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी स्वयं मामले की निगरानी कर रहे हैं। पुलिस ने जांच के लिए अलग-अलग टीमें गठित की हैं। जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया है और संदिग्ध काली कार की तलाश जारी है।
पुलिस पुरानी रंजिश, व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता और राजनीतिक एंगल से मामले की गुत्थी सुलझाने में जुटी है। फिलहाल आरोपियों की पहचान गुप्त रखी गई है।
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