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Raipur/Kerala. छत्तीसगढ़ के एक प्रवासी मजदूर की केरल में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने का मामला सामने आया है। मृतक की पहचान राम नारायण बघेल के रूप में हुई है, जो छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले का रहने वाला था।
17 दिसंबर को केरल के अट्टापल्लम इलाके में स्थानीय लोगों ने उसे बांग्लादेशी समझकर बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। 17 दिसंबर को केरल के पलक्कड़ जिले के अट्टापल्लम में भीड़ ने राम नारायण को 'बांग्लादेशी घुसपैठिया' और 'चोर' होने के संदेह में इस कदर पीटा कि उसकी मौत हो गई।
राजनीतिक घमासान: RSS पर आरोप और सरकार की अनभिज्ञता
केरल के मंत्री एमबी राजेश ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे 'नफरत की राजनीति' का नतीजा बताया है। उन्होंने दावा किया कि गिरफ्तार किए गए 5 आरोपियों में से 4 RSS से जुड़े हैं।
दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के एक बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है और न ही उन्होंने अखबारों में इसके बारे में पढ़ा है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, "यह बेहद शर्मनाक है कि प्रदेश के एक बेटे की दूसरे राज्य में हत्या हो जाती है और सरकार के मंत्रियों को इसकी खबर तक नहीं है। मुख्यमंत्री को तुरंत केरल सरकार से बात कर कड़ी आपत्ति दर्ज करानी चाहिए।"
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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रूह कंपाने वाला खुलासा
डॉक्टर हितेश शंकर द्वारा किए गए पोस्टमॉर्टम में जो बातें सामने आईं, वे विचलित करने वाली हैं। रिपोर्ट के मुताबिक राम नारायण के शरीर पर 80 से ज्यादा चोटों के निशान मिले।
शरीर का कोई भी ऐसा हिस्सा नहीं था जहां चोट न हो। सिर में गंभीर चोट और अत्यधिक खून बहने के कारण उसकी तड़प-तड़प कर मौत हुई।
परिवार का दर्द: "हमें सच नहीं बताया गया"
मृतक के चचेरे भाई शशिकांत ने बताया कि केरल पुलिस ने उन्हें गुमराह किया। उन्हें सिर्फ यह कहा गया कि राम नारायण थाने में है, तुरंत पहुँचें। वहां पहुंचने पर पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। राम नारायण अपने पीछे 8 और 10 साल के दो मासूम बेटों को छोड़ गया है।
अब तक की कार्रवाई
पुलिस ने 5 आरोपियों (मुरली, प्रसाद, अनु, बिपिन और आनंदन) को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने साफ किया कि राम नारायण का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था और उसके पास से चोरी का कोई सामान नहीं मिला।
राज्य मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए पलक्कड़ पुलिस प्रमुख से 3 सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।
कांग्रेस की मांगें
मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए। आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए फांसी की सजा मिले। छत्तीसगढ़ सरकार शव को सम्मानपूर्वक वापस लाने और अंतिम संस्कार की व्यवस्था करे।
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