प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कैच द रैन’ अभियान, भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के ‘मोर गांव मोर पानी’ अभियान के तहत कोरिया जिला प्रशासन ने जल संरक्षण की दिशा में एक अनूठा कीर्तिमान स्थापित किया है। जिले में महज तीन घंटे में 660 सोख्ता गड्ढों का निर्माण कर ‘द गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में नाम दर्ज कराया गया है।
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अभियान की ऐतिहासिक सफलता
जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक ‘आवा पानी झोंकी’ अभियान के तहत जिले के दो विकासखंडों—बैकुण्ठपुर और सोनहत—के 162 ग्रामों और तीन नगरीय निकायों—बैकुण्ठपुर नगर पालिका, शिवपुर-चरचा नगर पालिका एवं नगर पंचायत पटना—में सामूहिक श्रमदान से ये गड्ढे खोदे गए।
ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की मौजूदगी में लोगों ने जल संरक्षण की शपथ भी ली और यह संकल्प लिया कि वर्षा जल को संरक्षित कर भूजल स्तर को बढ़ाने में योगदान देंगे।
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660 गड्ढे, 60 तालाबों के बराबर जल संरक्षण
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि इन 660 सोख्ता गड्ढों से हर वर्ष करीब 60 सामान्य आकार के तालाबों जितना पानी भूमि में रिचार्ज होगा। इस पहल से न केवल भूजल स्तर में सुधार आएगा, बल्कि भविष्य में जल संकट की समस्या से भी काफी हद तक राहत मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि इस 42 लाख 90 हजार रुपये की लागत वाले कार्य को बिना सरकारी खर्च के, जनभागीदारी से पूरा किया गया, जो अपने आप में एक उदाहरण है।
वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ
रायपुर से आईं ‘द गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ की प्रतिनिधि सोनाली राजेश शर्मा ने कोरिया जिले की इस उपलब्धि को रिकॉर्ड में शामिल करते हुए कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी को मैडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। उन्होंने इसे जल संरक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल बताया और कहा कि कोरिया जिले की यह पहल अन्य जिलों के लिए प्रेरणा बनेगी।
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कलेक्टर की पहल को मिली सराहना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता, राज्य सरकार की सोच और स्थानीय प्रशासन की मेहनत का नतीजा है। उन्होंने बताया कि सुशासन तिहार के तहत चलाए जा रहे समाधान शिविरों और अन्य कार्यक्रमों में भी जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
मुख्य तथ्य संक्षेप में:
अभियान का नाम: आवा पानी झोंकी
स्थान: कोरिया जिला, छत्तीसगढ़
समय: सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे (3 घंटे)
संख्या: 660 सोख्ता गड्ढे
लागत: ₹42.90 लाख (जनभागीदारी से पूर्ण)
उपलब्धि: ‘द गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में नाम दर्ज
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