2 करोड़ हर महीने कमीशन लेते थे लखमा, 2 साल में 2161 करोड़ का शराब घोटाला
कवासी लखमा को शराब घोटाले के हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। वकील सौरभ पांडेय ने कहा कि, 2 साल तक कार्रवाई चली जिसमें 36 महीने में प्रोसीड ऑफ क्राइम 72 करोड़ रुपए का है।
2161 Crore Rupees Liquor Scam : शराब घोटाला केस में ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि लखमा से ईडी पिछले कुछ दिनों से लगातार पूछताछ कर रही थी। इसके साथ ही ईडी (एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट) ने घोटाले को लेकर कई बड़े दावे किए हैं। दरअसल, ईडी के वकील का दवा है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले के हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। वकील सौरभ पांडेय ने कहा कि, 2 साल तक कार्रवाई चली जिसमें 36 महीने में प्रोसीड ऑफ क्राइम 72 करोड़ रुपए का है। ये राशि सुकमा में बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगी है।
शराब घोटाले के इस कांड में आबकारी विभाग के कई बड़े अफसर भी शामिल थे। यही अफसर पैसे का अरेंजमेंट करते थे। अफसर ये पैसे पूर्व मंत्री लखमा तक पहुंचाते थे। आबकारी विभाग में काम करने वाले ऑफिसर इकबाल खान, जयंत देवांगन ने बताया कि वे पैसों का अरेंजमेंट कर उनको भेजते थे। कन्हैया लाल कुर्रे के जरिए पैसों के बैग कलेक्ट किए जाते थे। कवासी ने खुद अपने बयान में यह एडमिट किया है कि अरुण पति त्रिपाठी साइन करवाता था।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
दावा है कि, साल 2019 से 2022 तक शराब दुकानों में अवैध शराब बेची गई है। इस अवैध शराब को डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेचा गया था। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।
शराब घोटाले में कवासी लखमा की गिरफ्तारी क्यों हुई?
ईडी (एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया है। ईडी का दावा है कि लखमा को घोटाले के तहत हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे, और उन्होंने इन पैसों का उपयोग अपने बेटे के घर निर्माण और कांग्रेस भवन के निर्माण में किया।
इस शराब घोटाले में कौन-कौन से अफसर शामिल थे?
शराब घोटाले में आबकारी विभाग के कई बड़े अफसर शामिल थे। इनमें इकबाल खान, जयंत देवांगन और कन्हैया लाल कुर्रे का नाम लिया गया है, जो पैसे का अरेंजमेंट करते थे और यह रकम पूर्व मंत्री लखमा तक पहुंचाते थे।
शराब घोटाले में क्या तरीका अपनाया गया था?
शराब घोटाले में नकली होलोग्राम का इस्तेमाल किया गया था। इस अवैध शराब को डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेचा गया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।