आंदोलन कर रहे ग्रामीणों को ट्रक से कुचला था, कोर्ट के आदेश पर 6 के खिलाफ FIR

बैकुंठपुर में जमीन के बदले नौकरी और मुआवजे की मांग को लेकर हुए शांतिपूर्ण आंदोलन में ग्रामीणों को ट्रक से कुचलने के प्रयास के मामले में कोर्ट ने सख्ती बरती है। कोर्ट ने इस मामले में कॉलरी मैनेजर सहित 6 के खिलाफ FIR के आदेश।

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Pravesh Shukla
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कोरिया। बैकुंठपुर में जमीन के बदले नौकरी और मुआवजे की मांग को लेकर हुए शांतिपूर्ण आंदोलन में ग्रामीणों को ट्रक से कुचलने के प्रयास के मामले में कोर्ट ने सख्ती बरती है। कोर्ट ने इस मामले में कॉलरी मैनेजर सहित 6 लोगोंके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है।

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कॉलरी मैनेजर सहित 6 के खिलाफ होगी FIR

आदेश के बाद एसईसीएलबैकुंठपुरएरिया के पाण्डवपाराकॉलरी के मैनेजर भूपेन्द्रपाण्डेय, जीएमऑपरेशनजी.राजेन्द्र कुमार, सुरक्षा गार्ड आजाद खान, पूरन सिंह, शिवव्रतपाण्डेय और ट्रक चालक राजकमलकुशवाहा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.

ग्रामीणों को कुचलने का प्रयास

30 मई 2025 को पाण्डवपारा के सोरगा और टेमरी गांव के करीब 150 ग्रामीणों ने सोरगा देवालय चौक पर शांतिपूर्ण तरीके से कोल परिवहन बंद का आयोजन किया था। आरोप है कि आंदोलनके दौरान कॉलरी प्रबंधन के आदेश पर कोयला से लोड ट्रक प्रदर्शन स्थल पर लाकर जबरदस्ती भीड़ के बीच से निकाला गया, जिस वजह से कई लोग घायल हो गए। ग्रामीणों ने घटना का वीडियो भी बनाया, लेकिन पुलिस ने आंदोलनकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया। वहीं आरोपितों पर कोई एक्शन नहीं हुआ।

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कई ग्रामीण घायल

आवेदक सोमारसाय ने बताया कि हमने शुरुआत से ही शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग रखी थी। बस इतना चाहते थे कि हमारी जमीन के बदले हमें नौकरी और मुआवजा दिया जाए, लेकिन इसके बजाय हम पर झूठा केस डाल दिया गया और असली दोषियों को बचाया गया।

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'जान से मारने की कोशिश'

उन्होंने बताया कि इस घटना में हमारी जान तक लेने की कोशिश हुई। इसका वीडियो भी है, फिर भी पुलिस ने हमारी बात नहीं सुनी। हमें थाना, एसपी और आईजी स्तर तक दौड़ाया गया, लेकिन हर जगह से निराशा मिली. मजबूर होकर हमें न्यायालय जाना पड़ा। अब कोर्ट का आदेश हमारे संघर्ष की जीत है और हमें उम्मीद है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

क्या है पूरा मामला ?

स्थानीय निवासी के मुताबिक उनकी जमीन का अधिग्रहण 1989 से 1992 के बीच हुआ था। जब इसके विरोध में 30 मई को वो हड़ताल कर रहे थे। इसी दौरान प्रबंधन के निर्देश पर सुरक्षा कर्मी और ट्रक चालक वहां आकर गाली-गलौज की और भीड़ में गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया. कई लोग घायल भी हुए. इसके बाद पीड़ितों ने पटना थाना, एसपी और आईजी तक शिकायत की, लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ. जिसके बाद कोर्ट की शरण ली। अब एफआईआर दर्ज करने का आदेश मिला।

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कोर्ट ने दिए FIR के आदेश

अधिवक्ता केड़ी शर्मा ने न्यायालय में धारा 175(3) बीएनएसएस के तहत आवेदन प्रस्तुत किया था। सुनवाई के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पटना थाना प्रभारी को आदेशित किया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), 117(2), 190, 191(2), 109, 110 सहपठित धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज कर जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें।

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पुलिस ने दर्ज की FIR

पुलिस अधीक्षक कोरिया रवि कुमार कुर्रे ने बताया कि न्यायालय के आदेशानुसार प्रथम दृष्टया अपराध दर्ज कर लिया गया है। जैसे-जैसे साक्ष्य सामने आएंगे उसी के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच जारी है और विवेचना पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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