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राजस्थान में यूरिया की भारी कमी की खबरों के बीच, राज्य सरकार ने दावा किया था कि सभी जिलों में यूरिया का वितरण पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है।
हालांकि, सरकारी दावों के विपरीत, सीकर, झुंझुनूं और दौसा के किसानों ने यूरिया की आपूर्ति और स्टॉक में भारी अंतर की सूचना दी। इन जिलों के किसानों का कहना है कि उन्हें निर्धारित मात्रा में यूरिया नहीं मिल रहा, जिससे उनकी खेती पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
कृषि विभाग का बयान
राजस्थान rajasthan के कृषि और बागवानी विभाग के सचिव, राजन विशाल ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ समन्वय में काम कर रही है, ताकि यूरिया की आपूर्ति सुचारू रूप से की जा सके।
विभाग यूरिया की दैनिक उपलब्धता की समीक्षा कर रहा है और जिन जिलों में अधिक खपत हो रही है, वहां प्राथमिकता के आधार पर आपूर्ति की जा रही है।
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यूरिया की उपलब्धता और वितरण
वर्तमान में, राज्य भर में 1.7 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। सबसे अधिक यूरिया श्रीगंगानगर जिले में 18,777 मीट्रिक टन उपलब्ध है, जबकि जोधपुर में 12,971 मीट्रिक टन और टोंक में 11,900 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति की गई है।
अधिकारियों का कहना है कि कम उपलब्धता वाले जिलों में अगले 3-4 दिनों में यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
यूरिया की खपत और आपूर्ति का अंतर
गौरतलब है कि केंद्र ने इस साल अप्रैल से अगस्त की अवधि तक 8.82 लाख टन यूरिया की आपूर्ति को मंजूरी दे दी थी। इसमें से 6.97 लाख टन तो आ चुका है। ध्यान रहे, तीन वर्ष में खरीफ सीजन के दौरान यूरिया की औसत खपत 9.4 लाख टन रही है।
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बनाई जाएगी चेकपोस्ट
इस बीच सरकार ने कहा है कि उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा और पंजाब से लगती सीमाओं के जिलों में चेकपोस्ट लगाकर यूरिया खाद की कालाबाजारी रोकी जाएगी।
खाद वितरण में अनियमितता बरतने वाले विक्रेताओं पर कार्रवाई की जाएगी।
किसानों की समस्याएं
सीकर के एक किसान ने बताया कि सरकार के दावों के विपरीत, उन्हें यूरिया नहीं मिला है। उसने बताया कि वह कई बार सीकर और जयपुर के विभिन्न स्थानों पर गए, लेकिन यूरिया नहीं मिला।
कई किसान निराश होकर घर लौटने को मजबूर हो रहे हैं। फिलहाल, कई किसानों को यूरिया की आपूर्ति का इंतजार है और वे लाइन में खड़े होने के बावजूद निराश हैं।
यूरिया खाद की कमी किसानों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। यूरिया संकट का राजस्थान की कृषि पर असर पड़ सकता है। इसलिए समस्या का शीघ्र समाधान आवश्यक है।
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