राजस्थान : श्रीगंगानगर फंसता जा रहा है नशीले पदार्थों के शिकंजे में, ओवरडोज से एक और जान गई

राजस्थान के श्रीगंगानगर में नशीले पदार्थों की बढ़ती समस्या, ओवरडोज से हो रही मौतें, युवा हो रहे ज्यादा शिकार और तस्करी पर नियंत्रण की आवश्यकता पर आधारित रिपोर्ट।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान rajasthan के श्रीगंगानगर में नशीले पदार्थों की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। हाल ही में वैशाली नगर के एक रिहायशी इलाके में 23 वर्षीय युवक का शव मिला, जिसके पास एक सिरिंज और हाथ पर सुई के निशान थे। पुलिस का मानना है कि नशीले पदार्थों के ओवरडोज के कारण उसकी मौत हुई। इस घटना ने जिले में नशे के बढ़ते प्रभाव को और उजागर कर दिया है।

नशे की लत से जूझते युवा

युवक की शिनाख्त राजवर्धन सिंह के रूप में हुई है। वह एक निजी कंपनी में काम करता था, कुछ समय से नशे की लत से जूझ रहा था। उसके परिवार ने उसे समझाने की कोशिश की थी, लेकिन उसने सिंथेटिक ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करना जारी रखा। इस घटना ने श्रीगंगानगर और पड़ोसी हनुमानगढ़ में बढ़ते नशे के चलन को सामने ला दिया है, जहां सस्ते नशीले पदार्थ आसानी से उपलब्ध हैं और युवा इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं।

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नशीले पदार्थों का बढ़ता खतरा

  •  2017 से मई 2025 के बीच, लगभग 360 करोड़ रुपए मूल्य की 75 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई; 58 अभियुक्त गिरफ्तार
  •  जनवरी 2024 से मई 2025 के बीच, 389 करोड़ रुपए मूल्य के मादक पदार्थ जब्त किए गए: 902 मामले दर्ज, 1,337 गिरफ्तारियां
  •  2020 से मई 2025 के बीच, ट्रामाडोल जैसी गोलियों की तस्करी के 316 मामले सामने आए; 17.67 लाख इकाइयां जब्त की गईं, 730 गिरफ्तारियां

नशीली दवाओं की तस्करी और ओवरडोज

स्थानीय निवासियों का दावा है कि पिछले कुछ वर्षों में जिले में नशीले पदार्थों के ओवरडोज से 100 से ज्यादा युवाओं की मौत हो चुकी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से मई 2025 के बीच लगभग 360 करोड़ रुपए मूल्य की हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थ जब्त किए गए। इसके साथ-साथ 58 अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया गया है। श्रीगंगानगर में नशीले पदार्थों का कहर चिंताजनक है।

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तस्करी पर नियंत्रण की आवश्यकता

नशीली दवाओं की तस्करी मुख्यतः पंजाब और पाकिस्तान से की जाती है, जिससे जिले में अपराध और नशे की लत में वृद्धि हो रही है। मनोचिकित्सकों का कहना है कि इस क्षेत्र में नशे के ओवरडोज के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। युवा इसकी चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। यह एक गंभीर समस्या बन गई है और इस समस्या पर तुरंत ध्यान दिया जाना चाहिए।

तस्करी से जुड़ी चिंताएं

स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर नशीले पदार्थों की तस्करी  पर कड़ा नियंत्रण नहीं किया गया, तो अपराध और नशे की लत में और वृद्धि हो सकती है। हाल ही में, एक 30 वर्षीय महिला की नशे के ओवरडोज  से मौत हो गई थी, जो कि इस बढ़ते संकट का उदाहरण है। हेरोइन, अफीम, डोडा पोस्त और अन्य दवाइयां लगातार इस क्षेत्र में आ रही हैं, जिनका सेवन युवा वर्ग कर रहा है।

FAQ

1. श्रीगंगानगर में नशीले पदार्थों की समस्या कितनी गंभीर है?
श्रीगंगानगर में नशीले पदार्थों की समस्या तेजी से बढ़ रही है, ओवरडोज के कारण कई मौतें हो चुकी हैं। तस्करी, सस्ते नशीले पदार्थों की उपलब्धता और नशे की बढ़ती लत ने समस्या को जटिल बना दिया है।
2. नशीली दवाओं का तस्करी कहां से हो रही है?
नशीली दवाओं की तस्करी मुख्य रूप से पंजाब और पाकिस्तान से की जाती है।
3. इस समस्या से निपटने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?
स्थानीय मनोचिकित्सक और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नशीली दवाओं की तस्करी पर कड़ी नजर  रखनी चाहिए। सा​थ हीनशे की लत से जूझ रहे युवाओं को सही इलाज और निगरानी में रखा जाना चाहिए।

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