LIC policy fake claim case : एलआईसी पॉलिसी का फर्जी क्लेम लिए जाने का मामला सामने आया है। क्लेक की राशि भी लाखों में है। इस मामले में मास्टर माइंड चाचा-भतीजे की जोड़ी को गिरफ्तार किया गया है। दोनों ही बिलासपुर के रहने वाले हैं। इस केस में इनके संपर्क के नाई , दर्जी और धोबी भी फंसे हैं।
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एलआईसी अफसरों के होश उड़े
जानकारी के अनुसार बिलासपुर के कस्तूरबा नगर में रहने वाले विजय पांडेय ने भतीजे ओमप्रकाश पांडेय के नाम पर एलआईसी की पॉलिसी ली थी। चाचा-भतीजे की जोड़ी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी ( LIC ) की पॉलिसी को लेकर कोई इतना बड़ा फर्जीवाड़ा करने वाली है। ऐसा किसी को अंदाजा नहीं था। यहां तक की बीमा एजेंट नरेश अग्रवाल भी इनके झांसे में आ गए। मामला खुला तो एलआईसी अफसरों के होश ही उड़ गए।
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तीन साल तक किया इंतजार
दरअसल, हुआ यूं कि चाचा ने भतीजे को मृत बताकर क्लेम के लाखों रुपए एलआईसी से ले लिए। चूंकि, इन्होंने बड़े धैर्य के साथ समय का इंतजार किया तो एलआईसी के अफसर भी नहीं पकड़ पाए। दरअसल, होता ये है कि तीन साल का समय पूरा होने के बाद यदि पॉलिसी का क्लेम लिया जाता है, तो फिजिकल वेरीफिकेशन की अनिवार्यता नहीं रहती है। चाचा विजय और भतीजे ओमप्रकाश ने इसी का फायदा उठाया।
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500-500 रुपए में तैयार किए गवाह
विजय ने अपने भतीजे को मृत बताकर पॉलिसी के लिए क्लेम किया। भतीजे की मौत की झूठी गवाही देने के लिए गवाह भी तैयार किए गए थे। पड़ोसी से लेकर मोहल्ले में रहने वाले कुछ प्रमुख लोगों के अलावा नाई,दर्जी और धोबी को भी सेट कर लिया था। इसके लिए प्रति व्यक्ति 500 से एक हजार खर्च भी किया था। पुलिस पैसे लेकर मौत की फर्जी गवाही देने वालों की खोजबीन में जुट गई है।
गवाहों को पूरी तरह पढ़ाया गया
पैसे देते वक्त गवाहों को समझाया गया कि एलआईसी के अफसर आएं और पालिसी होल्डर के बारे में पूछे तब बस इतना ही कहना है कि उसकी मौत हो गई है। मौत के कारणों पर अनजान बने रहना है। बस मृत्यु की पुष्टि कर देना है। इसके एवज में मिले पैसे ने लोगों ने झूठी गवाही देने में हिचक महसूस नहीं की और झट बोल भी दिया है कि हां हम जानते हैं,पालिसी होल्डर की मृत्यु हो गई है।
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चौथी पॉलिसी का क्लेम लेने के फेर में फंसे
फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के सहारे डेथ क्लेम के तौर पर तीन पॉलिसी के 35.90 रुपए चाचा-भतीजे ने एलआईसी से हड़प लिया। चौथी पालिसी के 51 लाख रुपए लेने के फेर में फंस गए। पुलिस ने आरोपी चाचा-भतीजे, बीमा एजेंट सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।