JET एयरवेज के नरेश गोयल के नाम पर 49 लाख की ठगी

पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में प्राइवेट कंपनी रश्मि ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट इंद्रप्रकाश कश्यप को साइबर ठगों ने 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा।

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Kanak Durga Jha
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looted 49 lakhs name of Naresh Goyal JET Airways
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Chhattisgarh Cyber Crime : पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में प्राइवेट कंपनी रश्मि ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट इंद्रप्रकाश कश्यप को साइबर ठगों ने 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। इस दौरान आरोपियों ने उनसे 49 लाख रुपए ठग लिए। वाइस प्रेसिडेंट इंद्रप्रकाश ने इसकी शिकायत भिलाई नगर थाने में की है। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने अपनी जांच-पड़ताल शुरू कर दी। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि ठगों ने खुद को ट्राई और साइबर ब्रांच का अधिकारी बताकर कश्यप को झूठे मामले में फंसाने और गिरफ्तारी वारंट का डर दिखाकर यह रकम वसूली।

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फर्जी आरोप और गिरफ्तारी का डर

ठगों ने 7 नवंबर को कश्यप को फोन कर बताया कि उनके आधार कार्ड का उपयोग कर सिम जारी किया गया, जिससे आपत्तिजनक संदेश भेजे गए। इसके बाद कॉल कथित मुंबई साइबर ब्रांच अधिकारी को ट्रांसफर कर दिया गया। ठगों ने दावा किया कि मलाड, मुंबई में उनके आधार कार्ड पर एक खाता खोला गया, जिसमें जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के साथ संदिग्ध लेनदेन हुआ है। सुप्रीम कोर्ट का फर्जी गिरफ्तारी वारंट दिखाकर ठगों ने कश्यप को जांच तक निगरानी में रखने का दबाव बनाया।

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पैसे ट्रांसफर के लिए वीडियो कॉल से निगरानी

ठगों ने कश्यप को फर्जी सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट (SSA) खोलने के लिए कहा और सभी बैंक खातों की राशि उसमें ट्रांसफर करने को मजबूर किया। डर के कारण कश्यप ने ठगों को 49 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इस दौरान ठग लगातार वीडियो कॉल के जरिए उनकी गतिविधियों पर नजर रखते रहे।

पुलिस के अनुसार, कश्यप के बैंक दस्तावेज भिलाई में थे। ठगों ने उन्हें भिलाई पहुंचने को कहा और ट्रेन में भी उनकी ऑनलाइन निगरानी की। 11 नवंबर को भिलाई पहुंचकर कश्यप ने उनके बताए खाते में रकम जमा कर दी। भिलाई नगर थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा ने बताया कि ठगी के इस संगठित तरीके की जांच की जा रही है।

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FAQ

ठगों ने इंद्रप्रकाश कश्यप को कैसे फंसाया?
ठगों ने खुद को ट्राई और मुंबई साइबर ब्रांच का अधिकारी बताकर इंद्रप्रकाश कश्यप से संपर्क किया। उन्होंने झूठा आरोप लगाया कि कश्यप के आधार कार्ड से एक सिम जारी कर आपत्तिजनक संदेश भेजे गए हैं। इसके साथ ही, उनके आधार कार्ड का उपयोग करके एक बैंक खाता खोलकर संदिग्ध लेनदेन का दावा किया। ठगों ने सुप्रीम कोर्ट के फर्जी गिरफ्तारी वारंट का डर दिखाकर उन्हें पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया।
ठगों ने पैसे ट्रांसफर कराने के लिए क्या तरीका अपनाया?
ठगों ने कश्यप को एक फर्जी सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट (SSA) खोलने के लिए कहा और उनके सभी बैंक खातों की राशि उसमें ट्रांसफर करने का दबाव बनाया। उन्होंने लगातार वीडियो कॉल के जरिए कश्यप की निगरानी की और ट्रेन यात्रा से लेकर भिलाई तक उनकी गतिविधियों पर नजर रखी। इस तरह, डर और दबाव के कारण कश्यप ने 49 लाख रुपये ठगों के बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए।

 

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