Mahadev Satta APP : छत्तीसगढ़ की सियासत में महादेव सट्टा एप घोटाला एक बार फिर गरमा गया है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सवाल उठते रहे हैं। इस बार सवाल भूपेश बघेल ने उठाया है।
भूपेश बघेल ने सरकार से पूछा है कि महादेव सट्टा एप का सरगना सौरभ चंद्राकर कहां है। बघेल ने कहा कि सरकार ने दावा किया था कि एक सप्ताह में सौरभ का दुबई से प्रत्यार्पण करा लिया जाएगा। लेकिन ये डेडलाइन तो पूरी हो गई है, सरकार का दावा हवा हवाई निकला।
वहीं सौरभ चंद्राकर को भारत लाने के लिए सोमवार को दुबई स्थित भारतीय दूतावास में डोजियर भेजा जाएगा। इसके बाद सौरभ के प्रत्यार्पण की प्रक्रिया में तेजी आ जाएगी।
तमन्ना भाटिया ED के चंगुल में फंसीं, IPL मैच में बेटिंग एप प्रमोशन केस
तेज हुई सौरभ को भारत लाने की प्रक्रिया
दुबई में गिरफ्तार महादेव एप के संचालक सौरभ चंद्राकर को भारत लाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने सौरभ चंद्राकर के प्रत्यर्पण के लिए ईडी मुख्यालय समेत केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को डोजियर यानी मामले से जुड़े दस्तावेज सौंप दिए हैं।
21 अक्टूबर को विदेश मंत्रालय के जरिए डोजियर को दुबई स्थित भारतीय दूतावास को सौंपे जाने की समय सीमा तय की गई है। उसके बाद, वहां की सरकार की सहमति मिलने पर दुबई की अदालत में डोजियर पेश कर सुनवाई की जाएगी, जिसके बाद ही सौरभ के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू होगी। दुबई की अदालत के फैसले पर ही सौरभ को छत्तीसगढ़ लाने का रास्ता साफ होगा।
महादेव सट्टा ऐप मामले में नया खुलासा, ऐप की कमाई से बनीं कई फिल्में
सौरभ है महादेव सट्टा एप घोटाले का मास्टर माइंड
सौरभ चंद्राकर और उनके सहयोगी रवि उप्पल महादेव एप सट्टेबाजी घोटाले में शामिल हैं। यह घोटाला छह हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है। इस घोटाले के उजाकर होने के बाद से सौरभ भागकर दुबई पहुंच गया था।
सूत्रों के मुताबिक प्रत्यर्पण के लिए यूएई की अदालत से सौरभ चंद्राकर को भारत लाने के लिए कहा गया है। अदालत को बताया गया है कि रायपुर की पीएलएमए की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट जारी किया है। इसके साथ ही, सौरभ पर मनी लॉंड्रिंग से संबंधित गैर-जमानती अपराध भी दर्ज है।
महादेव सट्टा एप का एमपी कनेक्शन : किसान सम्मान निधि के बैंक खातों से हो रहा ऑनलाइन सट्टे का लेनदेन
भारत-दुबई प्रत्यर्पण संधि के आधार पर फैसला
दुबई अदालत में सुनवाई के दौरान सौरभ चंद्राकर को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। इसके बाद अदालत यह तय करेगी कि सौरभ को भारत भेजा जाना है या नहीं और अगर भेजा जाना है, तो किन शर्तों पर। ये शर्तें भारत और यूएई के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार होंगी।
यूएई के साथ भारत की जो संधि है, उसके तहत मनी लॉंड्रिंग के अपराध में करीब सात साल की सजा है, जिसके लिए प्रत्यर्पण किया जा सकता है। ईडी के सूत्रों के अनुसार, सौरभ चंद्राकर के अपराध संबंधी सभी दस्तावेजों का अरबी में अनुवाद किया गया है। इसमें विशेष न्यायाधीश के हस्ताक्षर भी हैं।
महादेव सट्टा ऐप का दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन ! ED ने किया चौकाने वाला खुलासा
छत्तीसगढ़ में कई आदेश पत्र हिंदी में होते हैं, इसलिए डोजियर को अंग्रेजी और अरबी दोनों भाषाओं में तैयार किया गया है। इसे ईडी के मुख्यालय को सौंप दिया गया है। अब हाई कमीशन आगे की कार्रवाई कर रहा है।
सौरभ को भारत लाने में कितना समय लगेगा, इस बारे में ईडी के आधिकारिक सूत्र स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि यूएई में सभी दस्तावेज जाने के बाद ही प्रक्रिया शुरू होगी। वहां की अदालत तय करेगी कि कितनी तेजी से सुनवाई की जाए और क्या फैसला दिया जाए।