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Photograph: (the sootr)
पति-पत्नी के रिश्तों के बीच लगातार घटते अविश्वास और धोखे आए दिन जघन्य हत्याकांड का कारण बन रहे हैं। उत्तरप्रदेश के मेरठ में सामने आए मुस्कान नीला ड्रम कांड, और मध्यप्रदेश के इंदौर की सोनम रघुवंशी केस के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी इनसे मिलता-जुलता जघन्य हत्याकांड सामने आया है।
इस हत्याकांड में एक धोखेबाज पत्नी ने अपने प्रेमी और पिता-भाई के साथ मिलकर अपने पति को मौत के घाट उतार दिया। घटना को अंजाम देने के बाद यह बेवफा पत्नी साल भर तक मरे हुए पति के फोटो सोशल मीडिया पर अपडेट करती रही, ताकि पति के परिवार वालों को उसकी मौत की भनक न लग सके, लेकिन पुरानी कहावत है कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, उसके अपराध की सजा उसे मिलती जरूर है।
पुलिस ने गुम इंसान की तलाश के लिए दर्ज एक एफआईआर की जांच में इस निर्मम हत्याकांड का खुलासा कर बेवफा पत्नी, उसके प्रेमी, पिता और भाई को हिरासत में ले लिया है।
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक साल पहले हुए एक खौफनाक हत्याकांड का पुलिस ने सफलतापूर्वक पर्दाफाश किया है। इस मामले में पत्नी लवली सिंह ने अपने पिता, भाईयों और पूर्व प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही पति, आकाश सिंह को मौत के घाट उतार दिया। यह घटना सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र की है, जो प्रेम त्रिकोण लालच और धोखे की एक जटिल कहानी पेश करती है।
प्यार और शादी: परिजनों की नाराज़गी का कारण
लवली सिंह और मृतक आकाश सिंह ने भागकर शादी की थी। यह विवाह लवली के परिवार वालों को बिल्कुल भी मंजूर नहीं था। लवली का परिवार, जिसमें उसके पिता और भाई शामिल थे, इस रिश्ते को तोड़ने के लिए लगातार लवली पर दबाव बना रहे थे। इस बीच, लवली का पूर्व प्रेमी अभिनव सिंह भी उनके जीवन में सक्रिय था।
दरअसल, लवली और अभिनव पिछले पाँच सालों से लिव-इन रिलेशनशिप में थे। भले ही लवली ने आकाश से शादी कर ली थी, लेकिन अभिनव सिंह अभी भी लवली और उसके परिवार का आर्थिक खर्च उठाता था, जिससे उसका लवली के जीवन में हस्तक्षेप बना रहा। अभिनव को यह बात नागवार गुज़र रही थी कि आकाश उसकी प्रेमिका से शादी कर चुका है। यह आर्थिक निर्भरता और अवैध संबंध ही इस षड्यंत्र की नींव बने।
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षड्यंत्र और जघन्य अपराध है आकाश मर्डर केस
पूछताछ में पुलिस को पता चला कि लवली के पिता अभिलाख सिंह ने 25 सितंबर 2024 को आकाश और लवली को अभिनव सिंह के घर बुलाया। यह मुलाकात एक सुलह या बातचीत के लिए नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या की साजिश का हिस्सा थी।
अभिनव के घर पर, लवली के पिता अभिलाख सिंह, भाई गौरव और वीरू, और पूर्व प्रेमी अभिनव सिंह ने मिलकर आकाश के साथ विवाद शुरू किया। यह विवाद जल्द ही एक क्रूर हमले में बदल गया। आरोपियों ने आकाश सिंह को बेरहमी से इतना पीटा कि आकाश की मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या [Murder] के बाद, सबूत मिटाने के लिए आरोपियों ने योजना बनाई। उन्होंने आकाश के शव को एक स्कूटी पर लादा और महासमुंद के घोड़ारी स्थित तालाब में फेंक दिया। उन्होंने सोचा कि शव की पहचान नहीं हो पाएगी और वे आसानी से बच जाएंगे।
पुलिस की छानबीन और डीएनए टेस्ट
29 सितंबर 2024 को घोड़ारी तालाब में एक अज्ञात युवक का शव तैरता हुआ मिला। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट (Post-mortem Report) में यह स्पष्ट हुआ कि युवक के सिर पर किसी ठोस वस्तु से वार किया गया था, जो हत्या की ओर इशारा करता था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया, लेकिन शव की पहचान नहीं हो सकी, जिसके कारण शव को दफनाना पड़ा।
गुमशुदगी रिपोर्ट से मिला सुराग
सिटी कोतवाली पुलिस ने हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए कड़ी मेहनत की। राज्य स्तरीय क्राइम डेटा एनालिसिस के दौरान, पुलिस को रायपुर के खम्हारडीह में 5 जनवरी 2025 को दर्ज हुई एक गुमशुदगी रिपोर्ट के बारे में पता चला। शव का हुलिया गुमशुदा आकाश सिंह से काफी मिलता-जुलता था।
पुलिस के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती शव की पहचान साबित करना था। इसके लिए 24 सितंबर 2025 को, मजिस्ट्रेट और रायपुर पुलिस के समन्वय से, कब्र खोदकर शव को बाहर निकाला गया। डीएनए टेस्ट कराया गया, जिसने आखिरकार मृतक की पहचान आकाश सिंह के रूप में सुनिश्चित कर दी।
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तारीखवार महासमुंद हत्याकांड और जांच
तिथि | घटनाक्रम |
25 सितंबर 2024 | आकाश सिंह की हत्या और शव को तालाब में फेंका जाना। |
29 सितंबर 2024 | घोड़ारी तालाब में अज्ञात शव का मिलना; हत्या का केस दर्ज। |
5 जनवरी 2025 | रायपुर में आकाश सिंह की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज। |
24 सितंबर 2025 | कब्र खोदकर शव को डीएनए टेस्ट के लिए निकाला गया। |
26 सितंबर 2025 | पाँच आरोपी गिरफ्तार और हत्याकांड का खुलासा। |
अपराध छिपाने सोशल मीडिया का इस्तेमाल
हत्या को अंजाम देने के बाद, लवली सिंह ने एक शातिर योजना पर काम किया। उसने आकाश का सारा सामान समेटा और अपने पिता और भाइयों के साथ उत्तर प्रदेश के जालौन चली गई। सबको भ्रमित करने और पुलिस को गुमराह करने के लिए, वह लगातार सोशल मीडिया पर आकाश सिंह के साथ अपनी पुरानी तस्वीरें पोस्ट करती रही। उसका उद्देश्य यह दिखाना था कि आकाश जिंदा है या वह अभी भी उसके साथ है, ताकि किसी को उस पर हत्या का शक न हो। यह साक्ष्य छिपाने का एक निर्लज्ज प्रयास था।
एडिशनल एसपी प्रतिभा पांडेय ने बताया कि महासमुंद पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और गहन पूछताछ के आधार पर लवली सिंह, अभिनव सिंह, अभिलाख सिंह, गौरव और वीरू को रायपुर के विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया।
सभी पाँच आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा 103 ए, साक्ष्य छिपाने धारा 238 और 61(2) के तहत केस दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सभी आरोपियों को ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया है। यह मामला दर्शाता है कि कैसे लालच, अवैध संबंध और पारिवारिक असहमति एक जघन्य हत्याकांड का रूप ले सकती है।