महिला एवं बाल विकास विभाग में वेतन घोटाला, मनमर्जी से सेवा समाप्त कर्मियों को दे दी सैलरी

महिला एवं बाल विकास विभाग के रायपुर कार्यालय में वित्तीय अनियमितता का बड़ा मामला सामने आया है। विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी निशा मिश्रा पर सेवा समाप्त संविदा कर्मियों को नियमविरुद्ध वेतन के रुप में लाखों रुपये देने के आरोप लगे हैं।

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VINAY VERMA
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रायपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग के रायपुर कार्यालय में वित्तीय अनियमितता का बड़ा मामला सामने आया है। विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी निशा मिश्रा पर सेवा समाप्त संविदा कर्मियों को नियमविरुद्ध वेतन के रुप में लाखों रुपये देने के आरोप लगे हैं। यह भुगतान उस समय किया गया, जब संबंधित कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। फिलहाल निशा मिश्रा के खिलाफ सैलरी देने मामले की शिकायत कर जांच की मांग की गई है।

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हाईकोर्ट का आदेश, नियमों की अनदेखी

2022 में विभाग की जिला स्तरीय समिति द्वारा 9 संविदा कर्मियों की गोपनीय प्रतिवेदन के आधार पर सेवा समाप्त की गई थी। हालांकि, सेवा समाप्ति के खिलाफ कर्मियों ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में याचिका दाखिल की थी। अदालत ने 14 फरवरी 2024 को सेवा समाप्ति आदेश को निरस्त करते हुए सक्षम प्राधिकारी को पुनर्विचार कर निर्णय लेने के निर्देश दिए थे। लेकिन, इससे पहले ही अधिकारी द्वारा सक्षम प्राधिकृत समिति को जानकारी दिए बगैर वेतन भुगतान कर दिया गया। जबकि इनके सेवा विस्तार पर कोई निर्णय नहीं गया है।

आरटीआई में हुआ खुलासा

आरटीआई के माध्यम से सामने आई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2022-23 में 8 संविदा और 1 सेवा प्रदाता कर्मचारी की सेवा समाप्त की गई थी, जिन्हें इसके बावजूद लाखों रुपए का भुगतान किया गया। इस कार्रवाई को लेकर अधिकारी पर दबावपूर्वक अधीनस्थों से कार्य कराने, समिति की कार्यवाही सक्षम अधिकारी से छुपाने, और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। जिला स्तरीय समिति ने 27 अगस्त, 11 सितंबर, 23 सितंबर और 18 नवंबर 2024 को बैठक कर सेवा समाप्ति का निर्णय लिया था। फिर भी, कार्यक्रम अधिकारी ने यह जानकारी कलेक्टर को जानबूझकर प्रस्तुत नहीं की।

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गबन और अन्य आरोप

जिन 8 कर्मचारियों का नौकरी से बाहर किया गया था उसमें से एक नाम दुष्यंत निर्मलकर का भी था। दुष्यंत कुमार निर्मलकर पर पहले ही लगभग 7 लाख रुपये गबन का आरोप लग चुका है। जांच में सामने आया था कि दुष्यंत ने इस शासकीय पैसे को अपने निजी खाते में जमा करवाया था।

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सेवा समाप्त कर्मियों की सूची

अल्केश्वरी सोनी, सेवा विस्तार पर पुनर्विचार

नवनीत कुमार स्वर्णकार (वर्तमान में निधन)

अश्विन जायसवाल, हेमलाल नायक, ज्योति शर्मा, रजनीश गेंदले, दुष्यंत निर्मलकर, अखिलेश डहरे, महेश्वरी दुबे (सेवा विस्तार पर विचार नहीं)

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