Chhattisgarh Mayor election : छत्तीसगढ़ में जल्द ही नगरीय निकाय चुनाव होंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी महत्वपूर्ण जानकारियों की घोषणा कर दी है। साथ ही नगरीय निकाय चुनाव को लेकर मेयर और अध्यक्षों की खर्च सीमा तय कर दी गई है। मेयर बनने के लिए प्रत्याशी अब 25 लाख तक ही पैसे खर्च कर पाएंगे। पैसे खर्च करने के लिए 5 लाख या उससे अधिक आबादी वाले नगर निगमों में प्रत्याशी 25 लाख खर्च कर सकते हैं। वहीं 3-5 लाख की आबादी वाले नगर निगम के लिए यह सीमा 20 लाख तक है।
इसके साथ ही नगर पालिका अध्यक्ष के लिए खर्च को लेकर सीमा तय की गई है। नगर पालिका अध्यक्ष 50 लाख से अधिक आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष अधिकतम 10 लाख रुपए और 50 हजार से कम आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष अधिकतम 8 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे। इसके अलावा नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए खर्च की सीमा 6 लाख रुपए है। छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर दी गई है।
नगरीय निकाय चुनावों में अब मेयर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होगा। यानी पार्षद के साथ ही मेयर और अध्यक्ष के लिए भी जनता ही वोट करेगी। साय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था। 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद नियम बदला गया था। इसमें मेयर चुनने का हक पार्षदों को दिया गया था। हालांकि भूपेश कार्यकाल से पहले भी जनता ही पार्षदों के साथ मेयर को चुनती थी।
13 नगर निगमों में कांग्रेस का कब्जा
छत्तीसगढ़ की 14 में से 13 नगर निगमों में इस समय कांग्रेस के महापौर हैं। हालांकि 2019 में जब चुनाव हुए थे, तब जगदलपुर की महापौर सफिरा साहू ने कांग्रेस से ही चुनाव जीता था। वह अब भाजपा में हैं। पिछली बार जनता ने पार्षदों को चुना था। पार्षदों ने महापौर चुनाव किया था।
छत्तीसगढ़ में मेयर चुनाव के लिए खर्च सीमा क्या है?
5 लाख या उससे अधिक आबादी वाले नगर निगमों के मेयर प्रत्याशी अधिकतम 25 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं। 3-5 लाख की आबादी वाले नगर निगम के मेयर प्रत्याशी के लिए यह सीमा 20 लाख रुपए है।
नगरीय निकाय चुनाव में मेयर और अध्यक्ष का चुनाव कैसे होगा?
इस बार नगरीय निकाय चुनाव में मेयर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होगा। यानी जनता ही सीधे वोट देकर मेयर और अध्यक्ष का चुनाव करेगी।
वर्तमान में छत्तीसगढ़ के 14 नगर निगमों में से कितने में कांग्रेस का कब्जा है?
वर्तमान में छत्तीसगढ़ के 14 नगर निगमों में से 13 नगर निगमों में कांग्रेस का कब्जा है।