नौकरी लगवा दूंगा कहकर खुद बन गया करोड़पति, मणिपुर पुलिस ने की FIR दर्ज

Chhattisgarh Fraud Case : छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। एक शातिर ठग ने नौकरी का झांसा देकर करीब 4 करोड़ की ठगी कर ली।

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Kanak Durga Jha
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छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। एक शातिर ठग ने नौकरी का झांसा देकर करीब 4 करोड़ की ठगी कर ली। नौकरी लगवाने के साथ ही ठग ने लोगों को फर्जी सरकारी योजनाओं का भी झांसा दिया। युवाओं का सपोर्ट इंडिया डवलपमेंट प्रोग्राम और एनजीओ के माध्यम से लघु और कुटीर उद्योग के साथ साबुन फैक्ट्री लगाने का झांसा दिया। युवाओं को ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर बनाने का झांसा देकर डेढ़ लाख से लेकर ढाई लाख रुपए तक की ठगी की गई है।

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मणिपुर पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

मामले में मणिपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। जानकारी के मुताबिक, सूरजपुर जिले के प्रेमनगर से लगे अभयपुर पंचायत का सचिव दिगंबर भगत ने अंबिकापुर के दर्रीपारा में सपोर्ट इंडिया डवलपमेंट प्रोग्राम (एनजीओ) का कार्यालय खोला। ऑफिस में चार महिला कर्मी काम करती थी। संस्था से जोड़ने के लिए 875 रुपए का फॉर्म भरवाया गया। सपोर्ट इंडिया डवलपमेंट प्रोग्राम की फर्जी वेबसाइट दिखाकर लोगों को झांसा दिया गया कि 36 माह में सदस्यों की जिंदगी बदल जाएगी।

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कोआर्डिनेटर बनाने का झांसा

संस्था के संचालक दिगंबर भगत ने कुछ युवाओं को झांसा दिया कि उन्हें ब्लॉक कोआर्डिनेटर बनाया जाएगा, जिसका वेतन 75 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक होगी। कई युवा दिगंबर भगत के झांसे में आ गए। ठाकुरपुर के बजरू टोप्पो ने बताया कि उसे दिगंबर भगत और बसील खलखो ने ब्लॉक कोआर्डिनेटर बनाने का झांसा दिया और 1 लाख 55 हजार रुपए मांगा। उसे बताया गया कि ब्लॉक कोआर्डिनेटर बनने के अच्छा वेतन के साथ पावर मिलेगा। झांसे में आकर बजरू टोप्पो ने 1.55 लाख रुपए दे दिए।

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200 ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर, करीब 8 हजार सदस्य

पत्थलगांव निवासी शंकर प्रमोद चौहान ने बताया कि सपोर्ट इंडिया डवलपमेंट प्रोग्राम का ब्लॉक कोआर्डिनेटर बनाने के नाम पर करीब 200 से ज्यादा लोगों से ठगी की गई है। ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर बनने के लिए 1 लाख 55 हजार रुपए जमा कराए गए थे। संस्था के करीब 800 सदस्य भी ठगी के शिकार हुए हैं।

FAQ

दिगंबर भगत ने ठगी करने के लिए कौन-कौन से माध्यमों का इस्तेमाल किया?
दिगंबर भगत ने नौकरी का झांसा देने के लिए सपोर्ट इंडिया डवलपमेंट प्रोग्राम (एनजीओ) का फर्जी कार्यालय खोला, वेबसाइट बनाई, ब्लॉक कोआर्डिनेटर और फर्जी सरकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों को ठगा।
ठगी के तहत ब्लॉक कोआर्डिनेटर बनाने के लिए कितनी राशि वसूली गई?
ब्लॉक कोआर्डिनेटर बनाने के नाम पर प्रति व्यक्ति 1 लाख 55 हजार रुपए वसूले गए।
ठगी के इस मामले में कितने लोग प्रभावित हुए हैं?
करीब 200 ब्लॉक कोआर्डिनेटर और 800 अन्य सदस्य ठगी के शिकार हुए हैं।

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