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रायपुर. नवा रायपुर में बने आलीशान बंगलों में रहने के लिए मंत्रियों ने दिलचस्पी तो नहीं दिखाई लेकिन उनका बाकायदा रंग रोगन जरुर हो रहा है। इन खाली बंगलों की रंगाई पुताई पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इन बंगलों की देख रेख का जिम्मा संभाल रहे पीडब्ल्यूडी ने इन पर सिर्फ पेंट करने में 35 लाख रुपए खर्च कर दिए। इन करोड़ों के बंगलों में सिर्फ चार मंत्रियों ने शिफ्टिंग की है वो भी आधी अधूरी। यानी काम पुराने बंगलों से ही चल रहा है। ये है जनता की कमाई से मिला पैसा जिसकी सरकारी विभागों में लूट मची हुई है।
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बंगले तैयार लेकिन मंत्रीजी नहीं
छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में मंत्रियों के बंगले बन कर तैयार हैं। सेक्टर 24 में बने करोड़ों में बने इन आलीशान बंगलों में जाने को मंत्री तैयार नहीं हैं। ये सभी बंगले 2-2 एकड़ में हैं। मुख्यमंत्री आवास अलग से बन चुका है। यह 8 एकड़ में बना हुआ है। मुख्यमंत्री और 4 मंत्रियों को छोड़कर अन्य मंत्री अपने बंगले में शिफ्ट नहीं हो रहे हैं।
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जो 4 मंत्री इन बंगलों में शिफ्ट हुए हैं वे भी आधे अधूरे। यानी इनका गृह प्रवेश की पूजा हो चुकी है लेकिन काम पुराने बंगलों से ही चल रहा है। जिन मंत्रियों ने गृह प्रवेश किया है उनमें कृषि मत्री रामविचार नेताम,खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, महिला एंव बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और वन मंत्री केदार कश्यप शामिल हैं। बंगले खाली पड़े हैं लेकिन इनके रंग रोगन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही।
खाली बंगलों में 35 लाख का पेंट
इन बंगलों का मेंटनेंस पीडब्ल्यूडी करता है। बंगले भले ही खाली हैं लेकिन मेंटनेंस भरपूर हो रहा है। मेंटनेंस तो छोड़िए इन खाली बंगलों को चमकाने के लिए 35 लाख का पेंट लगा दिया गया। रंगाई पुताई का ये खर्च विष्णु सरकार में ही हुआ है।
साल 2023-24 में इन खाली बंगलों के पेंट में 18 लाख 56 हजार रुपए लगा दिए गए। इसका ठेका राम कार्पोरेट को दिया गया। इन बंगलों पर फिर धूल चढ़ गई एक साल बाद फिर इनका रंग रोगन शुरु हो गया। साल 2024-2025 फिर ये काम शुरु हो गया। इस बार कांट्रेक्ट 16 लाख 25 हजार का था।
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यह कांट्रेक्ट सुनील कुमार अग्रवाल को दिया गया। ये सिर्फ रंगाई पुताई का खर्च है। इन बंगलों के मेंटनेंस में अलग से खर्च हो रहे हैं। यह टैक्स पेयर के पैसे हैं जो माननीयों के खाली बंगलों पर उड़ाए जा रहे हैं। मंत्री रहें या न रहें बंगले चमकते रहने चाहिए।
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नहीं जाना बंगलों में तो मेंटनेंस क्यों
जब नवा रायपुर के बंगलों में शिफ्ट न होने पर द सूत्र ने सवाल किया तो मंत्रियों का कहना था कि वह अपने पुराने रायपुर में मिले निवास में ही रहेंगे क्योंकि नए बंगले में जाने पर कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों को उनसे मिलने के लिए परेशानी हो सकती है। मंत्री कहते हैं कि ज्यादातर आम जनता की बसाहट पुराने रायपुर में है, ऐसे में उनके क्षेत्र के लोग भी जब यहां आते हैं तो उन्हें परेशानी नहीं होती।
वे आसानी से उनसे मुलाकात कर लेते हैं। मंत्रियों का कहना है कि जब तक पूरी तरह से नया रायपुर में यातायात व्यवस्था सुगम नहीं हो जाती, तब तक वो पुराने रायपुर में ही निवास करेंगें। लेकिन मंत्रीजी से द सूत्र का सवाल यह है कि जब नवा रायपुर के बंगलों में रहना नहीं तो फिर मेंटनेंस और रंग रोगन पर जनता के टैक्स का पैसा क्यों लुटाया जा रहा है।