MNREGA Lokpal under the purview of RTI : मनरेगा लोकपाल भी आरटीआई के दायरे में है और उसे भी इस कानून के तहत मांगी गई जानकारी उपलब्ध करानी होगी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में यह व्यवस्था दी है।
जस्टिस बीडी गुरु ने जगदलपुर जिला पंचायत मनरेगा लोकपाल व जन सूचना अधिकारी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें याचिकाकर्ता ने खुद को न्यायालय बताते हुए आरटीआई के दायरे से बाहर बताया था।
चर्च तोड़कर हिंदू बनाएंगे मंदिर, मिशनरियों ने 66000 लोगों को बनाया ईसाई
राज्य सूचना आयुक्त के खिलाफ चला कोर्ट केस
राज्य सूचना आयुक्त ने लोकपाल को आवेदनकर्ता बीरबल रात्रे को आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। इस पर लोकपाल व जन सूचना अधिकारी ने राज्य सूचना आयुक्त के इस फैसले को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
275 करोड़ रुपए के ट्रांजेक्शन वालीं 2 फर्जी कंपनियां रायपुर में पकड़ीं
इसमें कहा था कि वह न्यायालय के कार्य का निर्वहन कर रहा है और न्यायालय होने के नाते याचिकाकर्ता बीरबल रात्रे के द्वारा आरटीआई अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी प्रदान करने के लिए बाध्य नहीं है। उन्होंने आरटीआई की धारा 8 का हवाला दिया और कहा कि आरटीआई अधिनियम की धारा 8 भी प्रत्ययी संबंध में किसी व्यक्ति द्वारा प्राप्त जानकारी के प्रकटीकरण से छूट प्रदान करती है।
SBI के 4 ब्रांच ऑफिसर गिरफ्तार, सभी ने मिलकर कर दिया बड़ा कांड
इसलिए हुआ विवाद
बीरबल रात्रे ने 19 अगस्त 2015 को सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक आवेदन प्रस्तुत किया था। इसमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला पंचायत जगदलपुर (छ.ग.) से 1 जनवरी 2015 से लोकपाल के समक्ष दायर सभी शिकायतों की प्रति, सभी जांच रिपोर्टों, नोटशीट्स और लोकपाल द्वारा जांच के दौरान दर्ज किए गए बयानों की प्रतियों के बारे में जानकारी मांगी, जिसमें जांच पूरी हो गई है।
रिलायंस स्मार्ट बाजार पर जुर्माना,खरीदारी करते समय आप भी ये जरूर देखें