मोक्षित के हाथ स्वास्थ्य विभाग की चाबी, बार कोड वाली मशीनें की सप्लाई

Mokshit Corporation Reagent Scam : मोक्षित कार्पोरेशन ने जिन मेडिकल उपकरणों की सप्लाई की थी, उनमें बार कोड सिस्टम है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को हर साल मोक्षित कार्पोरेशन को भुगतान करना होगा।

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Marut raj
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Mokshit Corporation Reagent Scam : मोक्षित कार्पोरेशन के हाथ में स्वास्थ्य विभाग की चाबी है। एसीबी और ईओडब्ल्यू के छापे में यह खुलासा हुआ है। दरअसल, मोक्षित कार्पोरेशन ने जिन मेडिकल उपकरणों की सप्लाई की थी, उनमें बार कोड सिस्टम है। इन्हीं बार कोड को स्कैन करने के बाद मशीन काम करेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को हर साल मोक्षित कार्पोरेशन को भुगतान करना होगा। यानी कि स्वास्थ्य विभाग कंपनी चंगुल से कभी आजाद ही नहीं हो पाएगा। इन सभी मशीनों की खरीदी राज्य सरकार की एजेंसी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन ने मोक्षित के जरिए की थी।

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मशीनों का नियंत्रण कंपनी के हाथ

छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन के अफसरों और दवा विक्रेता कंपनी मोझित कार्पोरेशन ने मिलकर टेंडर के समय तात्कालिक फायदा तो उठाया ही, बल्कि इसका पूरा कंट्रोल दवा कंपनी ने अपने हाथों में ले लिया। दोनों ने मिलकर ऐसी योजना बनाई, जिससे भविष्य में मशीनों का नियंत्रण कंपनी के हाथों में रहे। इसके तहत कंपनी ने बार कोड वाली मशीनें ही सप्लाई की। टेंडर शर्तों में बार कोड का बाकायदा उल्लेख भी किया गया। इसकी जानकारी बाहर आने के बाद भी कंपनी और अफसरों की सांठगाठ के कारण विभाग मौन रहा। अब मुश्किल ये है कि जब तक कंपनी नहीं चाहेगी, तब तक ये मशीनें चालू ही नहीं हो सकती।

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411 करोड़ रुपए का पड़ा बोझ

छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन ने जनवरी 2022 से 21 अक्टूबर 2023 तक अरबों रुपए की खरीदी मोक्षित कार्पोरेश और सीवी कार्पोरेशन से की। मेडिकल कार्पोरेशन के अफसरों ने 300 करोड़ रुपए के रीएजेंट खरीद लिए, ताकि कंपनी के पास उपलब्ध केमिकल की एक्सपायरी नजदीक न आ जाए।

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अफसर और कंपनी के बीच की इस गठजोड़ का खुलासा 22 जनवरी 2025 को EOW की FIR से हुआ। छह पेज की इस एफआईआर में ईओडब्ल्यू ने अफसर और कंपनी की गड़बड़ियों का डिटेल जिक्र किया है। अनुमान के मुताबिक सरकार पर करीब 411 करोड़ का बोझ पड़ा है। एजेंसी अब इसकी जांच पड़ताल में जुट गई है। हाल ही में एसीबी और ईओडब्लयू ने मोक्षित कार्पोरेशन के दफ्तर पर छापा मार कार्रवाई की थी। इसके बाद कंपनी के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार किया था। 

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