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Photograph: (The Sootr)
RAIPUR. कांग्रेस की तर्ज पर भाजपा सरकार में भी व्यापक भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। बस आयोजन का नाम बदलकर बोरे बासी दिवस से श्रमिक सम्मेलन कर दिया गया है। यह आयोजन 2024 में विश्वकर्मा जयंती के दिन हुआ था।
इस आयोजन के लिए श्रम विभाग न उसी व्यापक इंटरप्राइजेस कंपनी को बिना टेंडर काम दिया गया, जिसपर भाजपा सरकार, कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाती आई है। दस्तावेज में खुलासा हुआ है कि सम्मेलन के नाम पर प्रति श्रमिक पर 3375 रुपए खर्च किया गया है।
श्रम विभाग का ही कारनामा
बोरे बासी दिवस पर हुए खर्च को भाजपा ने बड़ा भ्रष्टाचार बताते हुए घोषणा की थी कि अब ऐसे आयोजन कर पैसे बर्बाद नहीं किए जाएंगे। लेकिन चुपके से श्रमिक सम्मेलन मनाने की तैयारी कर ली गई। भव्य आयोजन के लिए रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम को तय किया गया।
श्रम विभाग के दस्तावेजों के मुताबिक आयोजन 1 करोड़ 35 लाख 91 हजार 726 रुपए खर्च किए गए हैं। जबकि ऑडिटोरियम में महज 4 हजार श्रमिक ही सम्मिलित हुए थे। इसके अनुसार आयोजन में प्रति श्रमिक 3375 रुपए खर्च किए गए।
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5 पॉइंट्स में समझें पूरी खबर...भ्रष्टाचार का आरोप: भाजपा सरकार में बोरे बासी दिवस के आयोजन के बाद अब श्रमिक सम्मेलन के नाम पर भी भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। इस आयोजन में 3375 रुपए प्रति श्रमिक खर्च किए गए, जबकि भाजपा ने पहले इस प्रकार के आयोजनों को बर्बादी बताया था। टेंडर प्रक्रिया की अनदेखी: श्रम विभाग ने बिना टेंडर के मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेस को काम सौंपा, जो कंपनी पहले ही कांग्रेस सरकार के समय विवादों में रही है। इस कंपनी को काम देने के कारण यह मामला और भी संदिग्ध हो गया। ऑडिटोरियम और खर्च: आयोजन के लिए रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम का चयन किया गया, लेकिन इसमें केवल 4000 श्रमिक शामिल हुए। फिर भी आयोजन पर 1.35 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जो प्रति श्रमिक 3375 रुपए बनते हैं। निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी: कार्य को निर्धारित निविदा के बिना मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेस से करवाने के लिए जिला श्रम आयुक्त कार्यालय ने केवल एक कंपनी से प्रस्ताव मांगा और बाकी चार कंपनियों को बाहर रखा। इससे निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी का संदेह पैदा हुआ है। बोरे बासी की जांच: बोरे बासी कार्यक्रम के दौरान हुए भ्रष्टाचार को लेकर विधानसभा में जांच की जा रही है, और इसमें भी मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेस का नाम सामने आया है। इस पर विधायकों की समिति द्वारा जांच की जा रही है। |
2 करोड़ का लगाया था अनुमान
श्रमिक सम्मेलन पर व्यापक भ्रष्टाचार का आरटीआई कार्यकर्ता आशीष देव सोनी ने खुलासा किया है। दस्तावेजों के अनुसार जिला श्रम आयुक्त कार्यालय ने श्रमिक सम्मेलन 2024 के कार्यक्रम को अल्पावधि बताकर निविदा नहीं बुलाई। आयोजन की अनुमानित लागत 2 करोड़ रुपए तय कर पूरा इंवेट निविदा दर पर कराया गया।
रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की जिस निविदा दर पर काम कराया गया, उस निविदा में 5 फर्म है। जिला श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा केवल मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेस से ही प्रस्ताव मंगाकर काम दे दिया गया। इम्पैनल्ड अन्य 4 फर्मों से भी प्रस्ताव नहीं मांगा गया।
इन पर खर्च बताया गया
आयोजन में 4 हजार कुर्सियां लगाई गईं थी, लेकिन नास्ते और खाने का बिल 5000 पैकेट का लगाया गया है। पैकेट में दिए नास्ते और खाने का अधिकतम खर्च 8-10 लाख ही हुआ होगा। इसके अलावा ऑडिटोरियम को सजाने का फर्जी बिल लगाकर भुगतान किया गया है। इसके अलावा माइक साउंड, एसी-कूलर, एलईडी स्क्रीन और प्रचार प्रसार के खर्चों का बिल लगाकर पैसा निकाला गया है।
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बोरे बासी की जांच विधायक समिति कर रही
श्रम विभाग द्वारा पूर्व में बोरे बासी के नाम पर करोड़ों रूपयों का भ्रष्टाचार का मामला छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र 2025 में उठा था। मामले की जांच विधायकों की समिति द्वारा की जा रही है। बोरे बासी इंवेट में भी इसी संस्था मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेस द्वारा कार्य किया गया था।